बिहार पीएफआई मामले में एनआईए का एक्शन, हथियारों की ट्रेनिंग देने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार
By अंजली चौहान | Published: July 20, 2023 02:28 PM2023-07-20T14:28:42+5:302023-07-20T14:30:34+5:30
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित बिहार मामले में एक और मुख्य आरोपी के रूप में एक "विशेषज्ञ हथियार प्रशिक्षक" को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित बिहार मामले में एक और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
एनआईए के अनुसार, यह 15वां मुख्य आरोपी है जो कि हथियारों की ट्रेनिंग देने का विशेषज्ञ है। इस गिरफ्तारी के बाद कुल मुख्य अपराधियों की संख्या 15 हो गई है। एनआईए द्वारा पीएफआई मामले में लगातार कार्रवाई हो रही है।
गौरतलब है कि बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी 22 वर्षीय याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान को पीएफआई कैडर और सदस्यों की गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से संबंधित आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने पहले 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और मामले से संबंधित कई आपत्तिजनक लेख और दस्तावेज जब्त किए थे।
इस साल 7 जनवरी को मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। एनआईए की जांच से पता चला है कि याकूब खान पीएफआई का विशेषज्ञ हथियार प्रशिक्षक था और उसने संगठन के आक्रामक और हिंसक एजेंडे और गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए थे।
एनआईए ने कहा कि याकूब ने बदला लेने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए एक विशेष समुदाय के युवक पर हमला करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी। उसने समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर विवादास्पद वीडियो भी अपलोड किए थे।
एनआईए ने कहा कि इस साल फरवरी की शुरुआत में पीएफआई सिंडिकेट के घरों पर छापेमारी और तलाशी के बाद से याकूब फरार था।
पीएफआई पर केंद्र ने लगाया प्रतिबंध
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद याकूब एफआईआर में नामित आरोपी रेयाज मोआरिफ और उसके सहयोगियों मोहम्मद बेलाल उर्फ इरशाद और अफरोज के संपर्क में था। वह व्हाट्सएप के माध्यम से अपने दुबई (यूएई) स्थित सहयोगी मोहम्मद सज्जाद आलम के साथ भी संपर्क में था।
जानकारी के मुताबिक, उसने पहले खुद को बिहार के बेतिया जिले में अपनी चाची के साथ छुपाया और उसके बाद नेपाल के पोखरा में एक अन्य आरोपी मोहम्मद इरशाद आलम के साथ छिप गया, जिसे 18 मार्च को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
बाद में याकूब खान मुंबई चला गया और वहां धारावी में अपनी एक मौसी और एक दोस्त के यहां रहने लगा। अप्रैल 2023 में मुंबई से लौटते हुए, वह बिहार के पूर्वी चंपारण, सीतामढी और मुजफ्फरपुर जिलों में अपने दोस्तों/सहयोगियों/रिश्तेदारों के साथ रहा।
याकूब के मोबाइल जब्त
एनआईए ने याकूब के सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और मामले में आगे के सुराग के लिए उनकी जांच कर रही है। एनआईए की जांच के मुताबिक, पीएफआई प्रतिबंध के बाद भी अपने जहरीले और सांप्रदायिक एजेंडे, विचारधारा और गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखता है।
पीएफआई सदस्य और कैडर हमलों और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करने के प्रयासों में लगे हुए हैं।
बता दें कि इसी साल बिहार के पटना जिले के फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में पिछले साल 20 जुलाई को प्रारंभिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी और एनआईए ने पिछले साल 22 जुलाई को मामला फिर से दर्ज किया था।