एनएचआरसी ने बाल मजूदरी खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों पर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी
By भाषा | Updated: August 24, 2021 22:06 IST2021-08-24T22:06:39+5:302021-08-24T22:06:39+5:30

एनएचआरसी ने बाल मजूदरी खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों पर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मंगलवार को कहा कि उसने राजस्थान से बच्चों की तस्करी के संबंध में मिलीं ‘‘विरोधाभासी जानकारी’’ को गंभीरता से लिया है, जो 2019 में मिली एक शिकायत से जुड़ा है। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न कानूनों और योजनाओं के बावजूद बाल मजदूरी और बच्चों की तस्करी का जारी रहना राज्य की मशीनरी पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। तदनुसार, एनएचआरसी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और बाल एवं किशोर श्रम संशोधन कानून, 2016 के प्रावधानों के अनुपालन में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के श्रम सचिवों को बाल मजदूरी कराने में शामिल कंपनियों और उनके प्रबंधन के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने बयान में कहा कि तात्कालिक मामला आयोग को 22 दिसंबर 2019 को मिली शिकायत से संबंधित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजस्थान के तीन जिलों-उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में आठ से 15 साल की उम्र तक के बच्चों की तस्करी जोरों पर है जिन्हें 500 से 3,000 रुपये तक में बेच दिया जाता है। मामले में आयोग ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया था। इसने कहा कि आयोग ने मामले में राजस्थान से मिली विरोधाभासी जानकारी को गंभीरता से लिया है।
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