नयी विज्ञान नीति में संबद्ध मंत्रालयों में वैज्ञानिकों की ‘लैटरल‘‘ भर्ती का प्रस्ताव

By भाषा | Updated: January 6, 2021 20:03 IST2021-01-06T20:03:12+5:302021-01-06T20:03:12+5:30

New science policy proposes the recruitment of scientists in allied ministries | नयी विज्ञान नीति में संबद्ध मंत्रालयों में वैज्ञानिकों की ‘लैटरल‘‘ भर्ती का प्रस्ताव

नयी विज्ञान नीति में संबद्ध मंत्रालयों में वैज्ञानिकों की ‘लैटरल‘‘ भर्ती का प्रस्ताव

नयी दिल्ली, छह जनवरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर नयी मसौदा नीति में संबद्ध मंत्रालयों में वैज्ञानिकों की 25 प्रतिशत तक ‘लैटरल’ भर्ती का प्रस्ताव किया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक इस प्रस्ताव का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए संबंधित मंत्रालयों में विषय (क्षेत्र) के विशेषज्ञ को आकर्षित करना है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी) के मसौदे के मुताबिक ये वैज्ञानिक विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले हो सकते हैं, चाहे वे स्वायत्त संस्थानों से हों या निजी क्षेत्र से।

मसौदा नीति में कहा गया है, ‘‘पेशेवरों और विषय के विशेषज्ञों की ‘लैटरल’ भर्ती विज्ञान से जुड़े सभी मंत्रालयों में एक सीमित अवधि के लिए करने का प्रावधान होगा, जहां उनकी तुलनात्मक भूमिकाएं, जिम्मेदारियां होंगी...।’’

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि मंत्रालयों में विशेषज्ञों की जरूरत है क्योंकि विज्ञान प्रगति कर रहा है और नयी प्रौद्योगिकी उभर रही है।

शर्मा ने कहा, ‘‘विज्ञान से जुड़े मंत्रालयों और विभागों में जब वैज्ञानिकों की भर्ती की जाती है, एक अवधि तक के लिए, वे विज्ञान की प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं। कई बार, जरूरत के मुताबिक किसी विशेष क्षेत्र के लिए मंत्रालय या विभाग के बाहर के विशेषज्ञ समूह का गठन किया जाता है।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘प्रस्तावित ‘लैटरल’ भर्ती का उद्देश्य संबधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को आकर्षित करना है। ताकि, वे मंत्रालयों व विभागों में अधिक समय व्यतीत कर सकें और अपनी विशेषज्ञता वाले विषयों का निपटारा कर सकें। ’’

विज्ञान संबंधी मंत्रालयों और विभागों में शीर्ष पद के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है। हालांकि, यदि मसौदा नीति को स्वीकार कर लिया जाता है तो मध्यम स्तर के लिए विशेषज्ञों की ‘लैटरल एंट्री’ भी हो सकेगी।

वर्तमान में विषय विशेषज्ञ, विज्ञान से जुड़े मंत्रालयों के स्वायत्त संस्थानों में पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय साथ एसटीआईपी 2020 को तैयार करने की प्रक्रिया पिछले साल शुरू की थी। नीति 2020 के अंत तक आनी थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें कुछ देर हुई।

एसटीआईवी सचिवालय प्रमुख अखिलेख गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि विज्ञान नीति बनाने के लिए पहली बार राज्यों और प्रवासी भारतीयों से परामर्श किया गया।

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Web Title: New science policy proposes the recruitment of scientists in allied ministries

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