New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी 'सर्व-धर्म' प्रार्थना में हुए शामिल, विभिन्न भाषाओं में की गई प्रार्थना
By अंजली चौहान | Updated: May 28, 2023 10:23 IST2023-05-28T09:59:43+5:302023-05-28T10:23:33+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अन्य केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों में शामिल हुए, जिन्होंने 'सर्व धर्म प्रार्थना' (बहु-विश्वास प्रार्थना) समारोह में भाग लिया।

(photo credit: ANI twitter)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसमें हिस्सा लिया।
नए संसद को देश को सौंपने के बाद 'सर्व-धर्म' प्रार्थना का आयोजन किया गया है। इस प्रार्थना में प्रधानमंत्री समेत अन्य नेता भी मौजूद हैं। सर्व-धर्म प्रार्थना में, धार्मिक नेताओं ने विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना की।
पीएम मोदी ने आज नए संसद भवन को देश को समर्पित किया और नए भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास ऐतिहासिक चिन्ह सेनगोल स्थापित किया। समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा मौजूद थे।
इससे पहले समारोह की शुरुआत वैदिक रीति से पारंपरिक 'पूजा' से हुई, जो एक घंटे तक चली। पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन का आशीर्वाद देने के लिए देवताओं का आह्वान करने के लिए "गणपति होमम" किया।
यह उद्घाटन कार्यक्रम दो चरणों में होगा जिसका एक चरण खत्म हो गया है और दूसरा करीब 12 बजे आयोजित किया जाएगा। यह पूजा संसद में गांधी प्रतिमा के पास एक पंडाल में हुई है।
New Parliament building inauguration: 'Sarva-Dharma Prarthana' ceremony held
— ANI Digital (@ani_digital) May 28, 2023
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'सेंगोल' को किया गया स्थापित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष कक्ष के पास सेंगोल को स्थापित किया। ये वहीं सेंगोल है जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और इसके ऐतिहासिक सत्ता हस्तांतरण के तथ्य पर सवाल खड़ा कर रहा है। सम्मान के निशान के रूप में पीएम मोदी ने समारोह के दौरान 'सेंगोल' के सामने दंडवत प्रणाम किया और तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों के अधीनम (पुजारियों) से आशीर्वाद मांगा।
इसके बाद उन्होंने नए संसद भवन तक वैदिक मंत्रों के जाप के बीच एक जुलूस में 'सेंगोल' को ले लिया। इसके बाद उन्होंने स्पीकर की कुर्सी के ठीक बगल में लोकसभा कक्ष में पवित्र 'सेंगोल' स्थापित किया।
इसकी स्थापना से पहले अधीमों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच 'सेनगोल' की प्राण प्रतिष्ठा की गई। पीएम मोदी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में 'सेंगोल' को अपनाने का फैसला लिया। यह वही सेंगोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की रात अपने आवास पर कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था।