नए भारतीय वायुसेना प्रमुख ने संभाला कार्यभार, पाक पीएम की न्यूक्लियर वॉर की चेतावनी पर कहा- हम हर चुनौती के लिए तैयार
By रामदीप मिश्रा | Updated: September 30, 2019 12:15 IST2019-09-30T12:04:52+5:302019-09-30T12:15:08+5:30
नए वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने बांग्लादेश के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से रक्षा अध्ययन में परास्नातक किया है। उन्होंने कई अहम पदों पर सेवा दी है।

भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया।
भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने सोमवार (30 सितंबर) को अपना कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने नेशनल वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। भदौरिया राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 15 जून 1980 को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में शामिल किया गया था।
पद ग्रहण करने के बाद नए वायु सेना प्रमुख भदौरिया ने राफेल विमान को लेकर कहा कि यह एक बहुत ही सक्षम एयरक्राफ्ट है। यह हमारी ऑपरेशनल क्षमता में एक गेम चेंजर होगा। यह भारत को पाकिस्तान और चीन से बढ़त दिलाएगा।
वायु सेना प्रमुख से यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में आईएएफ एक और बालाकोट जैसी स्ट्राइक करने के लिए तैयार है। इस पर उन्होंने कहा कि हम तब तैयार थे, हम अगली बार तैयार हो जाएंगे। हम किसी भी चुनौती, किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
उन्होंने वायु पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम रिपोर्टों से अवगत हैं और जब भी आवश्यक होगी हम जरूरी कार्रवाई करेंगे।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा भारत के साथ न्यूक्लियर वॉर की चेतावनी को लेकर वायु सेना प्रमुख ने कहा है कि यही परमाणु युद्ध के पहलुओं के बारे में उनकी समझ है। हमारी अपनी समझ है, अपना विश्लेषण है। हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे।
#WATCH IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria on being asked if IAF is better prepared to carry out another Balakot like strike in future: We were prepared then, we will be prepared next time. We will be ready to face any challenge, any threat. pic.twitter.com/gMv6HpxJns
— ANI (@ANI) September 30, 2019
आपको बता दें नए वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने बांग्लादेश के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से रक्षा अध्ययन में परास्नातक किया है। उन्होंने कई अहम पदों पर सेवा दी है। वह रूस में भारतीय दूतावास में 'एयर अताशे' भी रहे हैं। वायु सेना प्रमुख को उनके करियर के दौरान परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और वायु विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भदौरिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' पुरस्कार भी जीता। करीब चार दशक की सेवा के दौरान भदौरिया ने जगुआर स्क्वाड्रन और एक प्रमुख वायु सेना स्टेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने जीपीएस का इस्तेमाल कर जगुआर विमान से बमबारी करने का तरीका ईजाद किया। यह वर्ष 1999 में 'ऑपरेशन सफेद सागर' में जगुआर विमान की बमबारी में भूमिका से खासतौर से जुड़ा है।
भदौरिया को 26 तरह के लड़ाकू और परिवहन विमानों को 4,250 घंटों तक उड़ाने का भी अनुभव है। वह वायु सेना के उन चुनिंदा पायलटों में से एक हैं जिन्होंने राफेल विमान उड़ाया है। जुलाई में भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के बीच गरुड़ अभ्यास के दौरान भदौरिया ने राफेल विमान उड़ाया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)