श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में नया दावा, आगरा के लालकिले में दबा है मंदिर का ‘श्रीविग्रह’

By भाषा | Updated: April 1, 2021 20:52 IST2021-04-01T20:52:29+5:302021-04-01T20:52:29+5:30

New claim in Sri Krishna Janmabhoomi case, the 'Srivigraha' of the temple is suppressed in Agra's Red Fort | श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में नया दावा, आगरा के लालकिले में दबा है मंदिर का ‘श्रीविग्रह’

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में नया दावा, आगरा के लालकिले में दबा है मंदिर का ‘श्रीविग्रह’

मथुरा, एक अप्रैल उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में बृहस्पतिवार को एक नया दावा पेश किया गया।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत से कहा कि मथुरा के कटरा केशवदेव परिसर में ओरछा नरेश वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए ठाकुर केशवदेव के विशाल एवं भव्य मंदिर का ‘श्रीविग्रह’ आगरा के लालकिले में दीवाने-ए-खास की छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में दबा हुआ है।

जिला दीवानी न्यायाधीश (प्रवर वर्ग) नेहा बधौतिया की अदालत में चल रहे इस मामले में वादी ने उक्त दलील पेश करते हुए मांग रखी कि ठाकुर जी की प्रतिमाओं को वहां से निकलवाया जाए। उनके इस अनुरोध पर सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तारीख तय की गई है।

सिंह ने अदालत में ‘‘ऐतिहासिक तथ्य’’ रखते हुए कहा, ‘‘बीसवीं सदी में महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से कटरा केशवदेव टीले पर निर्मित भगवान केशवदेव मंदिर एवं भागवत भवन के निर्माण से पूर्व अंतिम बार ओरछा नरेश ने मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में 1618 में अत्यंत विशाल मंदिर बनवाया था, जिसे वर्ष 1669 में तत्कालीन मुगल शासक औरंगजे़ब ने तुड़वाकर उसके भग्नावशेषों से वहां शाही ईदगाह का निर्माण करा दिया।’’

उन्होंने कहा कि उसी समय औरंगजे़ब ने मंदिर में मौजूद भगवान केशवदेव के ‘श्रीविग्रहों’ को आगरा के लालकिले के दीवाने-ए-खास में बनी छोटी मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया।

सिंह ने अदालत से कहा, ‘‘इससे आज भी करोड़ों अनुयायियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। लिहाजा अदालत पुरातत्व विभाग या फिर अन्य वैज्ञानिक विधि अपनाकर ‘श्रीविग्रहों’ को बाहर निकलवाए और कटरा केशवदेव में इन्हें संरक्षित करने संबंधी आदेश करे।’’

अदालत ने पक्ष सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 19 अप्रैल तय कर दी।

गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति इस संबंध में मुकदमा दायर करने के बाद से ही लगातार एक के बाद एक प्रार्थना पत्र दे रही है।

वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि अदालत इस मामले में 19 अप्रैल को अन्य पक्षों को भी सुनने के बाद फैसला देगी।

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Web Title: New claim in Sri Krishna Janmabhoomi case, the 'Srivigraha' of the temple is suppressed in Agra's Red Fort

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