इतिहास के प्रति नये दृष्टिकोण, स्वतंत्रता सेनानियों एवं नेताओं पर और पुस्तकें लिखने की जरूरत: नायडू

By भाषा | Updated: December 15, 2021 22:05 IST2021-12-15T22:05:55+5:302021-12-15T22:05:55+5:30

New approach towards history, need to write more books on freedom fighters and leaders: Naidu | इतिहास के प्रति नये दृष्टिकोण, स्वतंत्रता सेनानियों एवं नेताओं पर और पुस्तकें लिखने की जरूरत: नायडू

इतिहास के प्रति नये दृष्टिकोण, स्वतंत्रता सेनानियों एवं नेताओं पर और पुस्तकें लिखने की जरूरत: नायडू

नयी दिल्ली,15 दिसंबर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को सुझाव दिया कि भारत के अतीत के औपनिवेशिक परिप्रेक्ष्य में तोड़-मरोड़ कर पेश किये गये तथ्य हैं, इसलिए इतिहास के प्रति नये दृष्टिकोण अपनाने तथा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियां एवं नेताओं पर और पुस्तकें लिखने की जरूरत है।

सरकारी भाषा आयोग (आंध्रप्रदेश) के अध्यक्ष यरलगड्डा लक्ष्मी प्रसाद द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘गांधीटोपी गवर्नर’ का विमोचन करते हुए नायडू ने कहा कि भारत के इतिहास के बारे ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किये गये तथ्यों को’ हटाने को जरूरत है तथा युवा पीढ़ी के लिए तथ्यों की विश्वसनीय निष्पक्ष प्रस्तुति की जरूरत है।

संसद में व्यवधान पर क्षोभ प्रकट करते हुए नायडू ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को याद रखना चाहिए कि ‘‘वे संसद का अनादर नहीं कर सकते हैं और लोकतंत्र की खूबियों को नहीं घटा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विचारों में भिन्नता होना अच्छा एवं अनिवार्य भी है और उन्होंने स्मरण किया कि कैसे अतीत में महान सांसद सदन को बाधित किये बगैर ही सही तरीके से तत्कालीन सरकार की अलोचना किया करते थे।

नायडू ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को बाहुबल नहीं बल्कि अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय देना चाहिए।

उपराष्ट्रपति द्वारा जिस पुस्तक का विमोचन किया गया, उसमें ब्रिटिश काल के महान स्वतंत्रता सेनानी,विधायक और मध्यप्रांत के गवर्नर इडपुगांटी राघवेंद्र राव की जीवनी है।

नायडू ने कहा कि राव ने ब्रिटिश सरकार में काम करते हुए स्व-शासन के लिए अपना संघर्ष जारी रखा।

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