दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं और पुलिस की बातचीत बेनतीजा रही

By भाषा | Published: January 22, 2021 11:56 PM2021-01-22T23:56:02+5:302021-01-22T23:56:02+5:30

Negotiations between farmer leaders and police on tractor rally in Delhi on 26 January were inconclusive | दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं और पुलिस की बातचीत बेनतीजा रही

दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं और पुलिस की बातचीत बेनतीजा रही

नयी दिल्ली, 22 जनवरी राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली आयोजित करने को लेकर शुक्रवार को किसान नेताओं और पुलिस के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने रुख पर अड़े रहे।

इस बीच, किसान संगठनों का कहना है कि शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस अधिकारियों ने किसान संगठनों के नेताओं से अनुरोध किया कि वे दिल्ली से बाहर ट्रैक्टर रैली निकालें।

बैठक के बाद एक किसान नेता ने कहा कि वे दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ही अपनी रैली निकालेंगे और इससे कम पर वे राजी नहीं हैं।

उत्तरी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त एसएस यादव ने अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर बैठक का समन्वय किया।

पुलिस और किसान नेताओं के बीच शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर एक और दौर की वार्ता होने की उम्मीद जताई गई है।

वहीं, केंद्र सरकार और किसान संगठनों की शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी।

सरकार ने बुधवार को पिछले दौर की वार्ता में किसानों के दिल्ली की सीमाओं से अपने घर लौटने की स्थिति में कानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए निलंबित रखने तथा समाधान ढूंढ़ने के लिए संयुक्त समिति बनाने की पेशकश की थी।

किसान नेताओं ने हालांकि कहा था कि वे नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी बात को नहीं मानेंगे।

कृषक संगठनों ने आज कहा कि वे अब अपना आंदोलन तेज करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान सरकार का रवैया ठीक नहीं था।

सरकार के साथ बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली योजना के अनुरूप निकाली जाएगी और यूनियनों ने पुलिस से कहा है कि इस दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है।

बुधवार को हुई पिछले दौर की बातचीत में सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित रखने और समाधान निकालने के लिए एक संयुक्त समिति बनाने की पेशकश की थी। हालांकि बृहस्पतिवार को विचार-विमर्श के बाद किसान यूनियनों ने इस पेशकश को खारिज करने का फैसला किया और वे इन कानूनों को रद्द किए जाने तथा एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी दो प्रमुख मांगों पर अड़े रहे।

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद प्रणालियां समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

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Web Title: Negotiations between farmer leaders and police on tractor rally in Delhi on 26 January were inconclusive

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