NEET UG Exam 2024: पेपर लीक केस में महाराष्ट्र ATS ने 2 शिक्षकों को किया गिरफ्तार
By आकाश चौरसिया | Updated: June 23, 2024 16:56 IST2024-06-23T16:31:07+5:302024-06-23T16:56:09+5:30
NEET UG Exam 2024: नीट-यूजी परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी और पेपर लीक को लेकर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र एटीएस ने दो शिक्षकों को हिरासत में लिया। गौरतलब है कि बिहार के बाद महाराष्ट्र दूसरा राज्य है, जहां इस तरह की बड़ी कार्रवाई की गई है।

फोटो क्रेडिट- एक्स
NEET UG Exam 2024:नीट-यूजी परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी और प्रश्न पत्र लीक को लेकर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र एटीएस ने दो शिक्षकों को हिरासत में लिया। गौरतलब है कि बिहार के बाद महाराष्ट्र दूसरा राज्य है, जहां NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक मामले में लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि नांदेड़ आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एनईईटी पेपर लीक मामले में शामिल होने के संदेह में संजय तुकाराम जाधव और जलील उमर खान पठान को हिरासत में लिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दोनों जिला परिषद स्कूलों में शिक्षक हैं और लातूर में निजी कोचिंग संस्थान चलाते हैं। इससे पहले बिहार में NEET UG परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में पटना पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब 'सॉल्वर गिरोह' की जांच कर रही है जो लीक हुए पेपर बेचते हैं और कई परीक्षाओं के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवार उपलब्ध कराते हैं।
#Maharashtra ATS Detains 2 School Teachers in NEET-UG Paper Leak Case#Educationhttps://t.co/dL0zFN5sSO
— The Wire (@thewire_in) June 23, 2024
हालांकि, कुछ देर पहले सीबीआई की ओर से परीक्षा में हुई अनियमितताओं को लेकर केस दर्ज किया गया है। यह ऐसे समय में कार्रवाई हुई, जब सामने आए परिणाम के बाद से लगातार छात्र इस बात की मांग कर रहे थे कि जरूर कोई बड़ा घोटाला हुआ है। क्योंकि परिणाम में एक साथ 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक आ जाना, वो काफी अचरज में डालता है। इसके अलावा ग्रेस मार्क्स से अभ्यर्थियों को पास कर देने पर भी कैंडिडेट्स लगातार हंगामा कर रहे थे कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। साथ ही नीट-यूजी की परीक्षा पूरी तरह से फिर से कराई जानी चाहिए।
फिलहाल आज उन 1536 अभ्यर्थियों का एग्जाम एनटीए ने कराया, जिन्हें ग्रेस मार्क्स के जरिए पास किया गया था, क्योंकि उन्हें परीक्षा में अतिरिक्त समय नहीं मिला और इस कारण ही उन्हें ग्रेस मार्क्स आवंटित किया गया।