NEET Exam Row: 13 परीक्षार्थी के रोल कोड मिले, चार अभ्यर्थी अरेस्ट, बिहार पुलिस और ईओयू ने कसा शिकंजा, 11 अभ्यर्थियों को अभिभावकों के साथ पूछताछ के लिए बुलाया, जानें अपडेट
By एस पी सिन्हा | Updated: June 19, 2024 17:48 IST2024-06-19T17:46:55+5:302024-06-19T17:48:32+5:30
NEET Exam Row: पटना स्थित सगुना मोड के पास ईशा भारती नामक परीक्षार्थी का परीक्षा केन्द्र था और वहीं उसने परीक्षा दी थी।

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पटनाः नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में मामले को लेकर बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में ईओयू कार्यालय में एक अभ्यर्थी ईशा भारती से पूछताछ की गई। हालांकि ईओयू की ओर से इस मामले में 11 अभ्यर्थियों को उनके अभिभावकों के साथ पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन, आज सिर्फ एक अभ्यर्थी पहुंची। पूछताछ के बाद स्पष्ट होगा कि ईओयू को क्या जानकारी और इनपुट मिले हैं। नीट पेपर में धांधली को लेकर बिहार पुलिस और ईओयू लगातार जांच कर रही है। इस मामले में अब तक 13 परीक्षार्थी के रोल कोड मिले हैं। इनमें से चार अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि पटना स्थित सगुना मोड के पास ईशा भारती नामक परीक्षार्थी का परीक्षा केन्द्र था और वहीं उसने परीक्षा दी थी। ईशा भारती पटना के ही बख्तियारपुर की रहने वाली बताई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि सॉल्वर गिरोह से सम्पर्क की आशंका और उससे जुड़े तारों को ईओयू खंगाल रही है। इसी को लेकर ईशा भारती से पूछताछ की गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों से सॉल्वर गिरोह से कैसे सम्पर्क में आये थे? इसमें और किन लोगों की संलिप्तता है? ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में पूरी जांच चल रही है।
यह भी पता लगाया जा रहा है कि संदिग्ध परीक्षार्थियों को सॉल्वर गिरोह ने परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र रटवाए थे या नहीं? उल्लेखनीय है कि नीट परीक्षा को लेकर बिहार में धांधली की खबरें आई थी। पेपर लीक के तार अलग अलग जगहों से जुड़े होने की खबर आई। इस बीच कुछ लोगों की गिरफ्तारी और उनके पास मिले रोल कोड से पूरे मामले में हडकंप मच गया।
वहीं जब नीट 2024 का परिणाम आया तो उसमें एक साथ कई टॉपर आने से पेपर लीक और धांधली की खबरों को और ज्यादा बल मिला। यहां तक कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कड़ी फटकर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही कहा था कि अगर 0.01 फीसदी भी हेरफेर हुआ है तो इस परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। देश के करीब 25 लाख छात्रों का भविष्य अंधकार में फंसा हुआ है।