संविधान का गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता: न्यायाधीश कौल
By भाषा | Updated: March 6, 2021 20:15 IST2021-03-06T20:15:26+5:302021-03-06T20:15:26+5:30

संविधान का गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता: न्यायाधीश कौल
नयी दिल्ली, छह मार्च उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने शनिवार को कहा कि संविधान के मानकों का पालन करने के मकसद से इसका और गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है ताकि संविधान निर्माताओं के सपनों एवं आकांक्षाओं को हासिल किया जा सका।
न्यायमूर्ति कौल ने पुस्तक ''रिथिंकिंग पालखीवाला : सेंटेनरी कोमोमोरेटिव वॉल्यूम'' पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि युवा पेशेवरों द्वारा की जा रही न्यायिक पहल समाज को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे।
उन्होंने युवाओं का पालखीवाला के योगदान का अनुसरण करते हुए सीख देते हुए कहा ,‘‘संविधान के मानकों का पालन करने के मद्देनजर इसका गहराई से अध्ययन करने की जरूरत है ताकि इसके निर्माताओं के सपनों और आकांक्षाओं को हासिल किया जा सके।’’
नानी पालखीवाला देश के मशहूर न्यायविद थे।
इस पुस्तक में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) नीलेंद्र कुमार ने पिछले साल वर्ष भर चले नानी पालखीवाला जन्म शताब्दी समारोह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में दिए गए भाषणों का संकलन और संपादन किया है।
जन्म शताब्दी समारोह कार्यक्रम को उच्च्तम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी संबोधित किया था।
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