अनुसंधान एवं विकास सहयोग की नींव को मौलिक शोधों में नयी प्रगति के साथ देखने की जरूरत : विजय राघवन
By भाषा | Updated: December 14, 2021 18:09 IST2021-12-14T18:09:17+5:302021-12-14T18:09:17+5:30

अनुसंधान एवं विकास सहयोग की नींव को मौलिक शोधों में नयी प्रगति के साथ देखने की जरूरत : विजय राघवन
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर सरकार ने मंगलवार को कहा कि देशों के साथ अनुसंधान और विकास सहयोग की नींव को मौलिक अनुसंधान में नई प्रगति के साथ देखने और इसे विनिर्माण के जरूरी क्षेत्रों से जोड़ने की जरूरत है।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने विदेश मंत्रालय की सह-मेजबानी वाले छठे वार्षिक वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, दो घटक हैं।
उन्होंने कहा, “एक, जो विज्ञान की आधार रेखा है, और फिर नियम और पद्धति हैं कि हम कैसे सहयोग करते हैं, हम कैसे सामग्री का आदान-प्रदान करते हैं, स्वतंत्र रूप से, फिर भी बौद्धिक संपदा की रक्षा करते हैं।”
राघवन ने कहा, “मौलिक अनुसंधान में नई प्रगति को देखते हुए आर एंड डी सहयोग की नींव एक तरफ होनी चाहिए, तो दूसरी तरफ इन्हें विनिर्माण की जरूरत वाले क्षेत्रों से जोड़ना है।”
उन्होंने कहा, “हमें यूरोपीय आणविक जीवविज्ञान संगठन जैसे सहयोगी ढांचों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसने यूरोपीय आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशाला को सीईआरएन से जोड़ा, जिससे यह देखा जा सके कि अंतरिक्ष में कितना गहरा तकनीकी सहयोग हो सकता है, जो प्रभावी व केंद्रित तरीके से लोगों के गुणवत्तापूर्ण विकास के लिये लक्षित हो, जिससे न केवल हमारे देश, बल्कि दुनिया की सेवा हो।
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