स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च में वृद्धि वक्त की जरूरत : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

By भाषा | Updated: September 25, 2021 22:06 IST2021-09-25T22:06:56+5:302021-09-25T22:06:56+5:30

Need of the hour is to increase public expenditure in health sector: Vice President Venkaiah Naidu | स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च में वृद्धि वक्त की जरूरत : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च में वृद्धि वक्त की जरूरत : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली, 25 सितंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे में सार्वजनिक खर्च में वृद्धि की जरूरत को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए ताकि युद्धस्तर पर डाक्टरों को आकर्षित किया जा सके ।

उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही ।

देश में पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी का उल्लेख करते हुए, नायडू ने मिशन मोड में नर्सों की जनसंख्या के अनुपात में सुधार लाने की अपील की जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 1:300 के मानदंड की तुलना में भारत में 1:670 है

उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड महामारी ने दिखा दिया है कि एक मजबूत, सुगम्य और सस्ता चिकित्सा तंत्र कितना जरूरी है। जिस हिम्मत से भारत ने इस महामारी का सामना किया है वो हमारे नागरिकों के जुझारू जज़्बे और हमारे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों जैसे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के सेवा भाव को दिखाता है। ’’

नायडू ने कहा कि सभी को सार्वभौम एवं सुनिश्चित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का लक्ष्य कठित है लेकिन प्रतिबद्ध प्रयासों के साथ हम इसे हासिल कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सभी को स्वास्थ्य के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में पहला कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च बढ़ाना है ।

उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण क्षेत्रों में डाक्टरों को आकर्षित करने पर बल देते हुए कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पालों के साथ चिकित्सा समुदाय को आवास सुविधाओं तथा अन्य सहुलियतें प्रदान करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने कितने ही गरीब परिवारों के लिए 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य कवर सुनिश्चित किया है तथा योजना की शुरुआत से अबतक इसके तहत अस्पताल में काफी भर्तियां हो चुकी हैं।

नायडू ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए 13000 करोड़ रूपये आबंटित करने की सिफारिश की है ।उन्होंने कहा, ‘‘ आप जैसे संस्थानों से अपेक्षा है कि पैरामेडिक्स स्वास्थ्य कर्मियों के लिए छोटी अवधि के डिप्लोमा कोर्स चलाएं।’’

स्वास्थ्य देखभाल में नवोन्‍मेषण की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि हाल के वर्षों में ई-स्वास्थ्य व्‍यापक रूप से सामने आया है और इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी की समस्या को दूर करने की संभावना है।

उन्होंने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच के साथ, स्वास्थ्य सेवा में हमारे मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए ई-स्वास्थ्य भावी परिदृश्‍य है।"

उपराष्ट्रपति ने कहा कि ई-स्वास्थ्य महिलाओं को भी सशक्‍त बना सकता है और मातृ स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर आवश्‍यक जागरूकता ला सकता है।

नायडू ने जोर देकर कहा, "जब भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है, हमें इसका लाभ उठाना चाहिए और स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लानी चाहिए।"

उन्होंने सभी पात्र लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने का आह्वान किया और इच्‍छा व्‍यक्‍त की कि नागरिक समूह स्थानीय सरकारों के साथ मिलकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने में हाथ बटाएं।

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा, “लोगों को अत्यधिक गंभीरता के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। हम आत्मसंतुष्ट होकर तीसरी लहर को आमंत्रित नहीं कर सकते हैं।

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Web Title: Need of the hour is to increase public expenditure in health sector: Vice President Venkaiah Naidu

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