भाजपा और एनडीए गठबंधन के सांसद नहीं लेगें 23 दिन का वेतन-भत्ता, जानिए क्यों
By भारती द्विवेदी | Updated: April 5, 2018 00:59 IST2018-04-05T00:59:11+5:302018-04-05T00:59:11+5:30
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा- 'ये पैसे हमें जनता की सेवा करने के लिए मिलते हैं लेकिन अगर हम उनका काम नहीं करते हैं तो हम उनका पैसा लेने का कोई अधिकार नहीं है।'

भाजपा और एनडीए गठबंधन के सांसद नहीं लेगें 23 दिन का वेतन-भत्ता, जानिए क्यों
नई दिल्ली, 5 अप्रैल: भाजपा और एनडीए गठबंधन के सारे सांसदों ने ये फैसला किया है कि वो अपने 23 दिन का वेतन-भत्ता नहीं लेंगे। संसद नहीं चलने की वजह से सांसदों ने ये फैसला लिया है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा- 'ये पैसे हमें जनता की सेवा करने के लिए मिलते हैं लेकिन अगर हम उनका काम नहीं करते हैं तो हम उनका पैसा लेने का कोई अधिकार नहीं है।' केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सभी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार थी लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रूख की वजह से काम बाधित हुआ।
BJP-NDA MPs have decided to not take salary & allowances for 23 days as the parliament has not been functional. This money is given to serve the people & if we are not able to do so we have no right to take the people's money: Ananth Kumar, Union Minister pic.twitter.com/A7l6AYhtPl
— ANI (@ANI) April 4, 2018
हाल ही में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने इस मसले को लेकर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखा था। मनोज तिवारी ने स्पीकर को लिखे पत्र में उन सांसदों के वेतन काटने का जिक्र किया था, जिनका संसद में किसी भी तरह का 'उल्लेखनीय काम' में योगदान नहीं है। मनोज तिवारी ने अपनी पत्र में लिखा था कि जब संदन में सांसद किसी भी तरह का 'उल्लेखनीय काम' नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में उनकी सैलेरी काटी जाए। अब समय आ गया है कि 'नो वर्क, नो पे' प्रक्रिया पर काम हो।
बता दें कि इस बार संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में दोनों ही सदनों में विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया है। जिसकी वजह से संसदीय कार्वाही बाधित हुई है।