NPR पर NDA की बैठक, जदयू ने कहा- माता-पिता की विस्तृत जानकारी संबंधी सवाल हटाए सरकार
By भाषा | Updated: January 31, 2020 18:07 IST2020-01-31T18:07:56+5:302020-01-31T18:07:56+5:30
जदयू नेता ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने राजग की बैठक में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी। सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अन्य सहयोगियों ने भी इस मुद्दे पर जदयू का समर्थन किया।

जावड़ेकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर प्रक्रिया के तहत लोग माता-पिता के निवास और जन्मस्थान जैसे सवालों का जवाब नहीं देने के लिए स्वतंत्र हैं।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में सरकार से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रश्नावली से माता-पिता की विस्तृत जानकारी मांगने वाले सवालों को हटाने की मांग की।
जदयू नेता ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने राजग की बैठक में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी। सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अन्य सहयोगियों ने भी इस मुद्दे पर जदयू का समर्थन किया।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर प्रक्रिया के तहत लोग माता-पिता के निवास और जन्मस्थान जैसे सवालों का जवाब नहीं देने के लिए स्वतंत्र हैं।
शिअद सीएए में सभी धर्मों को शामिल करने के रुख पर अडिग
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शुक्रवार को अपना रुख दोहराया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) में किसी खास धर्म का उल्लेख नहीं होना चाहिए बल्कि यह सभी धार्मिक समुदायों के लिए होना चाहिए। पार्टी ने संसद में इस विवादित कानून के पक्ष में मतदान किया था लेकिन उसका कहना है कि वह कानून के दायरे से किसी धार्मिक समुदाय को बाहर रखे जाने के खिलाफ है।
शिअद के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा, “धर्म का उल्लेख करने की बजाए यह मुस्लिमों समेत सभी धर्मों के लिए होना चाहिए, यही बात शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने संसद में भी कही थी।” उन्होंने कहा, “हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं और इसलिए हमने दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, लेकिन बाद में भाजपा हमारे पास आई तो हमने उन्हें समर्थन दिया।”
पार्टी के एक अन्य सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ ने सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी पार्टी का रुख दोहराया कि मुस्लिम समेत सभी धर्मों को सीएए में शामिल किया जाना चाहिए।”
हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि पार्टी ने कानून का समर्थन इसलिए किया क्योंकि यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सिख समुदायों के सदस्यों को भी फायदा पहुंचाता है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को बताया कि उसका सहयोगी दल शिअद आठ फरवरी के चुनाव में पार्टी का समर्थन करेगा। शिअद ने भगवा पार्टी से मतभेदों के चलते दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।