पीएम मोदी की मां को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एनडीए ने बुलाया बिहार बंद, देखा गया व्यापक असर

By एस पी सिन्हा | Updated: September 4, 2025 15:34 IST2025-09-04T15:34:07+5:302025-09-04T15:34:07+5:30

बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिला। भाजपा के महिला मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए बंद में पुरुष कार्यकर्ताओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान राहुल गांधी और महागठबंधन के खिलाफ नारे लगाए गए। 

NDA called for Bihar bandh over objectionable comments made on PM Modi's mother, wide impact seen | पीएम मोदी की मां को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एनडीए ने बुलाया बिहार बंद, देखा गया व्यापक असर

पीएम मोदी की मां को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एनडीए ने बुलाया बिहार बंद, देखा गया व्यापक असर

पटना: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मतदाता अधिकार यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इस बयान को न केवल एक व्यक्ति पर हमला, बल्कि भारतीय संस्कृति और मातृत्व का अपमान बताते हुए गुरुवार को बिहार में बंद कराया। बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक चला। बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिला। भाजपा के महिला मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए बंद में पुरुष कार्यकर्ताओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान राहुल गांधी और महागठबंधन के खिलाफ नारे लगाए गए। 

बंद के दौरान दौरान राज्य के कुछ जिलों में महिलाओं और आम लोगों के साथ कार्यकर्ताओं के द्वारा अभद्रता की खबरें सामने आईं। राजधानी पटना में ऐसी ही कई परेशान करने वाले वाकये सामने आए जब किसी को अस्पताल जाने में बाधा आई तो कोई सड़क पर मरीज को गोद में उठाकर चलने को मजबूर दिखा। यहां तक कि यूरिन बैग लटकाए मरीजों को भी अस्पताल जाने के लिए वाहन नहीं मिलता दिखा और वे सड़क पर चिलचिलाती धूप में परिजनों की गोद में जिंदगी की जद्दोजहद करते दिखे। पटना के डाकबंगला चौराहा के पास ऐसे ही मरीज दिखे जिनकी पीड़ा थी कि उन्हें अस्पताल जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा था क्योंकि बंद समर्थक किसी को आगे जाने नहीं दे रहे थे। 

वहीं इनकम टैक्स गोलम्बर पर बंद समर्थकों से एक बाइक सवार की तीखी नोकझोंक भी हुई। उसका कहना था कि जब जनता को ही परेशान करना है तो जनहित में यह बंद कैसे हुआ? वहीं बंद करने वालों के अपने तर्क हैं, अपने मुद्दे हैं। लेकिन अमूमन जैसा राजनीतिक दलों के बंद में होता एक बार फिर कई दारुण करने वाली तस्वीरें सामने आई जिसमें बंद के कारण आम जनता की कमर तोड़ दी जाए, ऐसी स्थिति दिखी। 

राजधानी पटना में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष धर्मशिला गुप्ता के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। पोस्टर, बैनर और नारों के बीच महिला कार्यकर्ताओं ने आयकर गोलंबर, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड और अशोक राजपथ जैसे प्रमुख इलाकों को जाम कर दिया। पटना के इनकम टैक्स गोलंबर के पास भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद, बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल व दीघा विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव चौरसिया के साथ-साथ विधान पार्षद संजय मयूख भी सड़क पर उतरे। 

मौके पर उनके साथ मौजूद अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी की। उन्होंने सड़क के बीचो-बीच बांस लगाकर वाहनों का अवागमन बाधित कर दिया। इस कारण बेली रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली, पटना जंक्शन, गांधी मैदान, बोरिंग रोड आने जाने वाले वाहनों को जहां तहां रुकना पड़ा। यहां अधिकांश दुकानें बंद रहीं और निजी स्कूलों को भी बंद रखा गया। पटना के निवासियों ने भी इस बंद का समर्थन किया, जिससे सड़कों पर सामान्य दिनों की तुलना में कम चहल-पहल देखा गया। 

सुबह 8 बजे से ही पटना की धड़कन ठहर सी गई। बाजार बंद रहे, दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारी घंटों तक जाम में फंसे रहे। सड़क पर गाड़ियों की कतारें ऐसी लगीं कि नेशनल हाईवे तक ठप हो गया। हालांकि, बंद समर्थकों ने साफ किया था कि आपातकालीन सेवाएं-एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, मेडिकल सेवाएं और रेल सेवा बाधित नहीं होंगी। 

बंद को सफल बनाने के लिए भाजपा के महिला मोर्चा के साथ-साथ जदयू महिला मोर्चा की सदस्यों ने मिलकर सडक को पूरी तरह से जाम कर दिया। जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। महिलाएं बीच सड़क पर बैठकर लगातार नारेबाजी कर रही थीं और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव से माफी मांगने की मांग कर रही थीं। 

उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री की पीड़ा के साथ हैं और बिहार की माताएं-बहनें भी इस अपमान से आहत हैं। बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजद और कांग्रेस पर लोकतंत्र को शर्मसार करने का आरोप लगाया। बंद के दौरान बंद समर्थकों और आम लोगों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। कई जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया कि इस तरह बिहार बंद किये जाने से उनको परेशानी हो रही है। लोगों ने कहा कि सियासी लोग एक दूसरे के साथ कब लड़ते झगड़ते हैं और कब गलबहियां कर लेते हैं इसे कोई नहीं जानता। लेकिन इस प्रकार के बंद से आम लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होता है। 

वहीं, बिहार बंद को लेकर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह सिर्फ मोदी की मां का अपमान नहीं, बल्कि देश की हर मां का अपमान है। माताओं को देवतुल्य माना जाता है और उनका अपमान असहनीय है। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने लालू यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिनके पास चुनाव लड़ने का हक नहीं है, वे चुनाव आयोग से ही भिड़ने लगे हैं। 

राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो खुद 1975 में वोट की चोरी करता था, आज वही चारा चोर का परिवार वोट चोरी की बात करता है। उल्टी गंगा बहाने वालों को नालंदा की धरती और बिहार की जनता करारा जवाब देगी। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यालय महामंत्री माला सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री की स्वर्गीय मां के बारे में असंबद्ध बातें कही गईं, जो बेहद निंदनीय है। इसके विरोध में हम सुबह से ही सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। 

वहीं, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष शीला पंडित ने कहा कि राहुल और तेजस्वी मुंगेरीलाल के सपने देख रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देखना छोड़ दें। प्रधानमंत्री की मां का अपमान पूरे देश का अपमान है और इसी वजह से बिहार बंद बुलाया गया था। 

सड़क जाम में शामिल भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी की सभा में खुले मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई, जो कहीं से सही नहीं है। हमलोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री के माता जी के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करना निंदनीय है। आज भाजपा कार्यकर्ता इस घटना के विरोध में सड़कों पर थे। जब तक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव खुले मंच से माफी नहीं मांग लेते, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।

उधर, राजद ने इस बंद को भाजपा की 'नौटंकी' बताया है। पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि भाजपा जनता के असली मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई और बाढ़ पर बात करने से बच रही है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा चुनाव से पहले भावनात्मक मुद्दों को हवा दे रही है। 

वहीं, बिहार बंद पर हमला करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा के गुंडे-मव्वाली सम्मानित शिक्षिकाओं, राह चलती महिलाओं, छात्राओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पत्रकारों को गालियां दे रहे है, उनके साथ हाथापाई कर दुर्व्यवहार कर रहे है? क्या यह उचित है? 

उन्होंने एक्स पर लिखा कि “क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपाइयों को आदेश दिया है कि आज पूरे बिहार और बिहारियों की माताओं-बहनों और बेटियों को गाली दो? गुजराती लोग बिहारियों को इतने हल्के में ना लें? यह बिहार है।

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