सपा के विरोध के बीच नजूल विधेयक विस में पास हुआ! अब यूपी में पट्टे पर नहीं मिलेगी किसी को भी नजूल की भूमि
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 31, 2024 19:31 IST2024-07-31T19:29:45+5:302024-07-31T19:31:37+5:30
देश को आजादी मिलने का बाद अंग्रेजों द्वारा राजा-महराजा और नवाबों की दी गई बहुत सी जमीन खाली कराकर सरकार ने अपने कब्जे में ली थी. इसके अलावा जिन राजाओं और राजघरानों के पास उनके स्वामित वाली भूमि के उचित दस्तावेज़ नहीं थे, उन ज़मीनों को नजूल भूमि के रूप में चिन्हित किया गया था.

सदन में धरना देते सपा और कांग्रेस के विधायक
लखनऊ, 31 जुलाई 2024 : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब नजूल की भूमि किसी को भी पट्टे पर नहीं देगी. इसके अलावा पट्टा समय खत्म होने के बाद पट्टेदार को बेदखल कर नजूल की भूमि वापस ले ली जाएगी. योगी सरकार द्वारा इस संबंध में विधान सभा में लाया गया उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंधन और उपयोग) विधेयक-2024 को भारी विरोध के बीच पास हो गया. इस विधेयक का विरोध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायक और सीएम योगी के समर्थक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने किया. इसके अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने इस विधेयक को जनविरोधी बताते हुए वेल में आकर इसका विरोध किया. इस सभी के विरोधों को नजरअंदाज करते हुए योगी सरकार ने अपने बहुमत के बल पर इस विधेयक को विधानसभा में पास करा लिया.
उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंधन और उपयोग) विधेयक-2024 को सोमवार को सदन के पटल पर रखा गया था. तब से इस विधेयक को लेकर सदन के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच बहस हो रही थी. बुधवार को योगी सरकार के इस विधेयक का प्रतापगढ़ से भाजपा विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्षवर्धन बाजपेयी ने विरोध किया. इन विधायकों का कहना था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को आवास दे रहे हैं और आप लोगों को बेघर करने के लिए यह विधेयक ला रहे हैं. इसी तरह से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि नजूल भूमि को लेकर अधिकारियों ने सरकार को गलत फीडबैक दिया है. सरकार इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजे. इस विधेयक के लागू होने के लाखो लोग सड़क पर आ जाएगे. यह विधेयक विकास नहीं लोगों का विनाश करेगा. भाजपा विधायकों और राजा भैया द्वारा विधेयक का विरोध करते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष के कई विधायक इस विधेयक का विरोध करते हुए सदन में धरने पर बैठ गए. कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने भी विधेयक को वापस लेने की मांग की. लेकिन सरकार ने सभी के विरोध की अनदेखी करते हुए इसे अपने संख्या बल के आधार पर सदन से पास करा लिया.
नजूल भूमि विधेयक :
देश को आजादी मिलने का बाद अंग्रेजों द्वारा राजा-महराजा और नवाबों की दी गई बहुत सी जमीन खाली कराकर सरकार ने अपने कब्जे में ली थी. इसके अलावा जिन राजाओं और राजघरानों के पास उनके स्वामित वाली भूमि के उचित दस्तावेज़ नहीं थे, उन ज़मीनों को नजूल भूमि के रूप में चिन्हित किया गया था. इन संपत्तियों का अधिकार प्रदेश की सरकार के पास है. इसी भूमि को सरकार लोगों को पट्टे पर देती रही है.