मध्य प्रदेश: कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। मंगलवार (10 मार्च) को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात किया। इस बीच पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे। मुझे लगता है कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। उनके पिता माधवराव सिंधिया अगर रहते तो वे प्रधानमंत्री होते।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा दिया है। सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 19 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं। इन 19 विधायकों में पांच मंत्री भी शामिल हैं।
इन सभी मंत्रियों ने मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ-सरकार को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सिंधिया के वफादार 17 विधायकों ने सोमवार को भाजपा शासित कर्नाटक के लिए एक चार्टर्ड में उड़ान भरी थीं। कर्नाटक जाने वाले विधायकों में से करीब आधा दर्जन कमलनाथ सरकार के मंत्री भी हैं।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का कांग्रेसियों पर बड़ा हमला
वहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब सिंधिया जी कांग्रेस में थे तो कुछ कांग्रेसी नेताओं के लिए वह महाराजा थे, अब वे माफिया हैं? यही उनके दोहरे मापदंड हैं।
वहीं, सिंधिया के पाले में आते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। आज बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है। इस बैठक में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाने को हरी झंडी दी जाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चिट्ठी में लिखी ये बात-
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चिट्ठी में सोनिया को सबकुछ जानते हुए कुछ नहीं करने आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, 'मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है।' आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं।
मंगलावर को 10 विधायक गायबमालूम हो कि मंगलवार को मध्यप्रदेश के 10 विधायक गायब हो गये थे, जिनमें दो बसपा, एक सपा, एक निर्दलीय एवं बाकी कांग्रेस के विधायक थे। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता इन विधायकों को हरियाणा के एक होटल में ले गये हैं और कमलनाथ की सरकार गिराने के लिए उन्हें करोड़ों रुपये देने का प्रलोभन दे रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच चल रही अंदरुनी लड़ाई का नतीजा है।
मध्य प्रदेश की समझें राजनीति गणितइसके बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से आठ विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है। हालांकि, लापता हुए 10 विधायकों में से अब केवल कांग्रेस के दो विधायक हरदीप सिंह डंग एवं रघुराज कंसाना ही बचे हैं, जो अब तक गायब हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।