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BHOPAL: NGT के निर्देश के बाद जगा जिला प्रशासन, 692 ग्रीनबेल्ट क्षेत्रों से हटेगा अतिक्रमण

By आकाश सेन | Updated: November 24, 2023 15:55 IST

भोपाल - NGT के निर्देशों का पालन कराने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की । अयोध्या बायपास, 11 मील रोड और गांधी नगर में सबसे अधिक अतिक्रमण।

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ठळक मुद्देNGT के निर्देश के बाद एक्शन में जिला प्रशासन । 692 ग्रीनबेल्ट क्षेत्रों से हटेगा अतिक्रमण।कलेक्टर ने दिए निर्देश सभी विभाग टीम बनाकर करें कार्रवाई ।शहर की पार्किंग व्यवस्था पर भी कलेक्टर ने जताई नाराजगी ।

जिले के ग्रीन बेल्ट वाले 692 क्षेत्रों से जल्द ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। इस संबंध में एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के लिए भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कलेक्टर ने वन विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सीपीए  समेत अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एनजीटी द्वारा बताए गए सभी ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने को लेकर एक टीम बनाकर चर्चा कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएं।  बैठक में डीएफओ आलोक पाठक,नगर निगम आयुक्त फ्रैंक नोबल ए, एडीएम हरेंद्र नारायण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

टीम बनाकर की जाए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सीपीए और  वन विभाग के अधिकारियों से दल बनाकर एनजीटी के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि एनजीटी द्वारा जारी निर्देश में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सर्वाधिक अतिक्रमण वाले स्थान अयोध्या नगर बायपास रोड, नीलबड़ से मुगालिया छाप, पटेल नगर बायपास से 11 मील रोड, करोंद बायपास रोड, भानपुरा चौराहा से आशाराम बापू चौराहा वाले क्षेत्र आदि शामिल हैं। सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर संयुक्त रूप से सख्त कार्रवाई करें।

शहर में अव्यवस्थित पार्किंग को लेकर कलेक्टर ने दिखाई सख्ती

बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह शहर की अव्यवस्थित पार्किंग को लेकर सख्ती दिखाते हुए कहा कि शहर की में बेतरतीब तरीके से पार्क हो रहे वाहनों के कारण यातायात का दवाब बना रहा है । जो ठीक नही है । जिसके लिए उन्होंने  निगम के अधिकारियों को इसे सुधारने निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में उनके द्वारा व्यवसायिक निर्माण की जितनी अनुमति दी गई है और भविष्य में दी जानी है। उनमें पार्किंग व्यवस्था का निरीक्षण कराएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि पार्किंग का क्षेत्र पार्किंग के लिए ही उपयोग हो और किसी अन्य काम के लिए नहीं । साथ ही यह भी देखा जाए कि सभी व्यवसायिक निर्माण में पार्किंग व्यवस्था अनिवार्य रुप से  हो, इसी के बाद ही अनुमति दी जाए और उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए।

 

टॅग्स :National Green Tribunalbhopal
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