मोदी के मंत्री के बेटे पर बड़े घोटाले का आरोप, सोलर लाइट की खरीद में भारी लूट-खसोट

By एस पी सिन्हा | Published: July 4, 2018 03:45 AM2018-07-04T03:45:03+5:302018-07-04T03:45:03+5:30

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे का नाम सोलर लाइट के नाम पर लाखों रूपये का बंदरबांट करने में आया है।

Narendra Modi minister Ashwini Choubey son solar light scandal | मोदी के मंत्री के बेटे पर बड़े घोटाले का आरोप, सोलर लाइट की खरीद में भारी लूट-खसोट

मोदी के मंत्री के बेटे पर बड़े घोटाले का आरोप, सोलर लाइट की खरीद में भारी लूट-खसोट

पटना, 4 जुलाई: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पर अब घपले-घोटाले का दाग लगता दिख रहा है। दरअसल, उनके सांसद निधि की राशि में भारी लूट-खसोट होने का खुलासा हुआ है। सोलर लाइट के नाम पर लाखों रूपये का बंदरबांट कर लिये जाने की बात सामने आई है। इसमें सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इस घोटाले का आरोप मंत्री के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे पर लगा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक साल पहले बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे ने अपने सांसद निधि से 25 जगहों पर हाईमास्ट सोलर लाइट लगाने की अनुशंसा की थी। मंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने सोलर लाइट खरीदने की प्रक्रिया शुरू की और औरंगाबाद की एक एजेंसी अखौरी अजय प्रकाश को इसका ठेका दे दिया।

अखौरी अजय प्रकाश को एक सोलर लाइट दो लाख 96 हजार 663 रुपये में लगाने का ठेका मिला। यानि पचीस सोलर लाइट के लिए 74 लाख 16 हजार रुपये की राशि से सोलर लाइट की खरीद की गई। जबकि इस सोलर लाइट की खरीद में तमाम सरकारी आदेशों को ताक पर रख दिया गया। बाजार भाव से लगभग तीन गुणा रेट पर सोलर लाइट खरीदे गये।

वह भी उनकी गुणवत्ता जांचे बगैर। इस पूरे मामले को सूचना के अधिकार के तहत लोक चेतना मंच के संयोजक मिथिलेश कुमार ने उजागर करने का काम किया है। मिथिलेश कुमार ने बताया कि जब पहले ही राज्य सरकार ने तय कर दिया था कि ब्रेडा कम्पनी ही लाइट लगाएगी। उसके बाद भी साजिश के तहत टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इस योजना का टेंडर सांसद के बेटे अर्जित के करीबियों को दिया गया। जबकि लाइट लगाने का काम भी सांसद के दूसरे बेटे अविरल चौबे को दे दी गई, जिसमें 50 लाख का गबन किया गया।

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वहीं, इस घोटाले को उजागर होते ही जिला प्रशाशन की नींद टूटी और आनन-फानन में डीडीसी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम ने इस खरीद की जांच की। जांच टीम ने पाया कि इस खरीद में बडे पैमाने पर घोटाला हुआ। जांच समिति के रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कहीं भी सोलर लाइट की खरीद केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरइ) के मापदंड के आधार पर होगा। एमएनआरइ ने 2012-13 में ही निर्देश दिया था कि सोलर सिस्टम की खरीद 200 रुपये प्रति वाट के हिसाब से होगा।

यानि सांसद कोष से जो लाइट लगाये गये उसका मूल्य सिर्फ 1 लाख 4 हजार रुपया होगा है। लेकिन अश्विनी चौबे के कोष से 2 लाख 96 हजार 663 रुपये में एक सोलर लाइट की खरीद की गई। इस घोटाले को लेकर बक्सर के जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि सांसद निधि से 25 जगहों पर सोलर लाइट लगाने की जगह चिन्हित की गई थी जिसके बाद 23 जगहों पर सोलर लाइट लगाई गई है। लेकिन इस योजना की राशि की भुगतान नहीं किया गया है। इस पूरे मामले को गम्भीरता से देखा जा रहा है और जो भी दोषी होंगे उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। जबकि मिथिलेश कुमार की मांग है कि जो भी इसमें दोषी हो उन पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त करवाई हो।

Web Title: Narendra Modi minister Ashwini Choubey son solar light scandal

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