आधार की तरह राशन कार्ड का भी होगा यूनिक नंबर, फर्जी राशन कार्ड को पहचानने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार बना रही है ये योजना

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 22, 2018 18:01 IST2018-03-22T14:59:51+5:302018-03-22T18:01:36+5:30

केंद्र सरकार हर राशन कार्ड के लिए एक यूनिक (विशिष्ट) नंबर नियत करेगी और फिर उन नंबर और डिटेल को ऑनलाइन डाटा बेस में दर्ज किया जाएगा।

Narendra Modi Government is Planning to Integrated Management of PDS Network | आधार की तरह राशन कार्ड का भी होगा यूनिक नंबर, फर्जी राशन कार्ड को पहचानने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार बना रही है ये योजना

आधार की तरह राशन कार्ड का भी होगा यूनिक नंबर, फर्जी राशन कार्ड को पहचानने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार बना रही है ये योजना

नई दिल्ली, 22 मार्च: नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही राशन कार्ड का ऑनलाइन डाटा बेस (संग्रह) तैयार करवाने की तैयारी कर रही है। इस ऑनलाइन डाटा बेस से जाली राशन कार्ड या एक से अधिक राशन कार्ड रखने वालों को पहचाना जा सकेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस डाटा बेस की मदद से सरकार लाखों प्रवासी मजदूरों को जहाँ वो काम कर रहे होंगे वहीं छूट वाला अन्न उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पीडीएस नेटवर्क (आईएमपीडीएसएन) बनाया जाएगा। ये नेटवर्क जीएसटीआईएन जैसा होगा। जीएसटीआईएन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमन और संयोजन का नेटवर्क है। सरकारी सूत्र ने टीओआई के बताया कि केंद्र सरकार अगले महीने से राशन कार्ड डाटा बेस तैयार करने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगी। 

रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार हर राशन कार्ड के लिए एक यूनिक (विशिष्ट) नंबर नियत करेगी और फिर उन नंबर और डिटेल को ऑनलाइन डाटा बेस में दर्ज किया जाएगा। इस सिस्टम के लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी हिस्से में जाकर दूसरा राशन कार्ड नहीं जारी करवा सकेगा। एक व्यक्ति के पास ही एक यूनिक राशन कार्ड रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार आधार कार्ड की मदद से सरकार ने पिछले पाँच साल में पूरे देश में करीब ढाई करोड़ जाली राशन कार्ड चिह्नित किए हैं।  

रिपोर्ट के अनुसार राशन कार्ड का ऑनलाइन डाटा बेस तैयार होने के बाद राज्य आपस में एक दूसरे से राशन कार्ड से जुड़ी जानकारियाँ साझा कर सकेंगे। देश के 80 प्रतिशत राशन कार्ड आधार कार्ड से जोड़े जा चुके हैं। छूट का लाभ लेने वाले 60 प्रतिशत राशन  कार्ड धारकों का डाटा जोड़ा जा चुका है। राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के तहत चावल, गेहूँ और मोटा अनाज सस्ती दर पर दिया जाता है। 

अभी तक केवल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के पास ही अंतर-राज्यीय सिस्टम है जिससे र ाशन कार्ड धारकों की पहचान हो सकती है। केंद्र सरकार इस ऑनलाइन डाटा बेस को तैयार करने से पहले इन चार राज्यों के जनवितरण प्रणाली का अध्ययन करेगी। 

English summary :
The Central Government, with the help of this online data base, wants to eliminate the fraud in getting national benefits under National Food Security.


Web Title: Narendra Modi Government is Planning to Integrated Management of PDS Network

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