कामचोर नौकरशाहों के 'अच्छे दिन' खत्म करने की तैयारी में मोदी सरकार, 50-60 अधिकारियों पर गिरेगी गाज!
By हरीश गुप्ता | Published: June 23, 2019 07:38 AM2019-06-23T07:38:29+5:302019-06-23T08:14:25+5:30
नरेंद्र मोदी सरकारः केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों से भरी फाइलें विभिन्न विभागों में धूल खा रही थीं. कामचोर और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी की भी रूचि नहीं थी. अब हालात बदल गए हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के नौकरशाहों पर जमी 'धूल' झटकने की तैयारी कर ली है. पिछले महीने एक झटके में 27 आईआरएस अधिकारियों को निकाल बाहर करने वाली मोदी सरकार ने विभिन्न विभागों के 50-60 और नौकरशाहों की छुट्टी की तैयारी कर ली है. कामचोर और भ्रष्ट नौकरशाहों के 'अच्छे दिन' बस खत्म होने को हैं.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों से भरी फाइलें विभिन्न विभागों में धूल खा रही थीं. कामचोर और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी की भी रूचि नहीं थी. अब हालात बदल गए हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के अधीनस्थ कार्मिक प्रशासन विभाग, राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने एक विशेष सेल की स्थापना की है जो ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा कर रहा है.
सूची मांगी प्रशासन व कार्मिक विभाग ने
सभी मंत्रालयों व विभागीय सचिवों को पत्र लिखकर उन अधिकारियों की सूची मांगी है, जिन्हें तय नियमों के तहत जनहित में तत्काल सेवानिवृत्त किया जा सकता है. ऐसी सेवानिवृत्ति के लिए कई नियम मौजूद हैं, लेकिन दशकों से इनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया था. इन अधिकारियों की जगह काबिल लोगों की सीधी भर्ती की भी शुरूआत हो चुकी है.
वह फाइल भी थी लंबित
एक मंत्री ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि जिन 27 आईआरएस और कस्टम्स व एक्साइज अधिकारियों को सरकार ने हाल ही में जबरन सेवानिवृत्त कर दिया, उनकी फाइलें बरसों से धूल खा रही थीं. सरकार ने 100 दिन का जो एजेंडा बनाया है, उसमें भ्रष्ट, कामचोर नौकरशाहों को तत्काल सेवानिवृत्ति दिया जाना काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. शुरूआत में ध्यान उन अधिकारियों पर केंद्रित किया जा रहा है, जिन पर विभागीय कार्रवाई में दोष साबित हो चुका है और जो अब तक किसी अदालत की शरण में नहीं गए हैं.