नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला, भ्रष्टाचार के आरोपी सरकारी अफसरों का नहीं मिलेगा पासपोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 30, 2018 08:49 IST2018-03-30T08:49:16+5:302018-03-30T08:49:16+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार के नए दिशानिर्देशों के अनुसार विदेश में आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी अफसरों को रियायत दी जा सकती है।

नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला, भ्रष्टाचार के आरोपी सरकारी अफसरों का नहीं मिलेगा पासपोर्ट
भारत सरकार ने उन सभी सरकारी अफ़सरों को पासपोर्ट न देने का फैसला किया है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में जाँच चल रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार नई गाइडलाइंस के अनुसार जिन अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज है या जाँच चल रही है उन्हें केंद्र सरकार का सतर्कता विभाग (विजिलेंस) क्लियरेंस नहीं देगा। रिपोर्ट के अनुसार उन अफ़सरों को भी विजिलेंस की क्लियरेंस मिलने में दिक्कत हो सकती है जिन पर भ्रष्टाचार का संदेह होगा। उन अफसरों को पासपोर्ट पाने में मुश्किल होगी जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जा चुकी है।
रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अफसरों को पहले भी उन पर चल रहे आपराधिक मामलों के मद्देनजर पासपोर्ट न दिए जाने का प्रावधान था लेकिन अब भ्रष्टाचार उन्मूलन विधेयक (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत अभियुक्त बनाए जाने पर भी पासपोर्ट नहीं मिलेगा। विजिलेंस क्लियरेंस का नियम और कड़े बनाए जाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की तरफ से जारी किए गये हैं। मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देश में अफसरों को अपने या विदेश में रहने वाले करीबी संबंधियों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में पासपोर्ट दिया जा सकता है।
नए दिशा-निर्देश के अनुसार विदेश में आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी अफसरों को रियायत दी जा सकती है। नए निर्देशों के अनुसार जिन अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अनुशंसा हुई है उनके मामलों पर उनके वरिष्ठ अफसर अलग-अलग विचार करेंगे।
पिछले कुछ सालों में विभिन्न कारोबारियों के बैंकों का कर्ज लेकर विदेश भाग जाने की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार की काफी किरकिरी होती रही है। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे कारोबारियों और आईपीएल के संस्थापक पूर्व कमिश्नर ललित मोदी देश छोड़कर जा चुके हैं।