मोदी सरकार ने मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यकों के लिए 2018 में उठाए ये महत्वपूर्ण कदम
By भाषा | Updated: December 26, 2018 09:42 IST2018-12-26T09:26:28+5:302018-12-26T09:42:26+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2018 में सालों से मुसलमान हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी। मोदी सरकार ने हज पर जाने वाली मुसलमान महिलाओं को अकेले जाने की भी अनुमति दी। इससे पहले महिलाओं को सऊदी अरब के मक्का में जाकर हज करने के लिए किसी पुरुष का साथ होना जरूरी था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में मुस्लिम नेताओं से मिलते हुए। (फाइल फोटो)
नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते साल अल्पसंख्यकों और मुसलमानों से जुड़े कई बड़े नीतिगत फैसले लिये। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए 2018 कई बड़े फैसलों वाला साल रहा. जिसमें वर्षों से चली आ रही हज सब्सिडी को खत्म करना, 'मेहरम' (पुरुष साथी) के बिना महिलाओं का हज पर जाना और बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) के स्थान पर 'प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम' (पीएमजेवीके) को देश के 308 जिलों में लागू करना प्रमुख है.
इसके साथ ही मंत्रालय ने अपनी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन एवं दस्तावेजों का डिजिटलीकरण पर जोर दिया. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि इस साल 'सम्मान के साथ सशक्तिकरण' की बुनियाद पर अल्पसंख्यकों के विकास का पूरा प्रयास किया गया. उन्होंने कहा, ''2018 में भी हमने 'सम्मान के साथ सशक्तिकरण' के मूलमंत्र को आधार बनाकर काम किया. हज सब्सिडी खत्म किए जाने के बावजूद हाजियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ा तो पहली बार महिलाएं बिना 'मेहरम' के हज पर गईं.''
नकवी ने कहा, ''मंत्रालय ने अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों खासकर लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया. पहले एमएसडीपी सिर्फ 90 जिलों तक सीमित थी, लेकिन हमने इसके पीएमजेवीके के रूप में 308 जिलों में लागू किया. 'हुनर हाट' से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिला.'' समुद्री मार्ग से हज यात्रियों को भेजा जाएगा: सऊदी अरब ने हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने का विकल्प फिर से शुरू करने से संबंधित भारत सरकार के निर्णय के लिए हरी झंडी दी.
भारत और सऊदी अरब के बीच मक्का में द्विपक्षीय वार्षिक हज 2018 समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान इसके बारे में निर्णय लिया गया. मंत्रालय का कहना है कि समुद्री जहाजों से हज यात्रियों को भेजने से यात्रा पर खर्च कम होगा. मुंबई और जेद्दा के बीच समुद्री मार्ग से हज यात्रा के सिलसिले को 1995 को रोक दिया गया. इसके साथ ही इस बार हज 2018 को डिजिटल/ऑनलाइन किया गया.
पहली बार भारत की लगभग 1300 मुस्लिम महिलाएं 'मेहरम' (पुरुष साथी) के बिना हज के लिए गईं जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के कार्यक्रम में भी किया. पहली बार 100 से अधिक महिला हज सहायकों को सऊदी अरब में महिला हज यात्रियों की सहायता के लिए तैनात किया गया. लगातार दूसरे वर्ष भारत का हज कोटा बढ़ाया गया है और स्वतंत्रता के बाद पहली बार भारत से करीब 1.75 लाख लोग हज पर गए. इस बार सब्सिडी खत्म कर दी गई.
मुसलमानों की हज सब्सिडी पर कम भुगतान
मंत्रालय के मुताबिक हज सब्सिडी समाप्त होने के बाद भी भारतीय हज समिति के माध्यम से हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को इस वर्ष हवाई यात्रा पर पिछले वर्ष की तुलना में 57 करोड़ रुपए कम देने पड़े.
पीएमजेवीके को एमएसडीपी के स्थान पर लागू किया गया. देश के 308 जिलों में, विशेष रूप से अल्पसंख्यक वर्ग की लड़के-लड़कियों को शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने के मकसद से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह अभियान शुरू किया गया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, लड़कियों के लिए छात्रावास, आईटीआई और कौशल विकास आदि उपलब्ध करा रही है.
मुसलमानों के लिए स्किल डेवलपमेंट हाट का आयोजन
मंत्रालय ने कारीगरों, दस्तकारों एवं देश परंपरागत हुनर से जुड़े लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए दिल्ली, इलाहाबाद, मुंबई और पुड्डुचेरी में 'हुनर हाट' का आयोजन किया.
मंत्रालय ने 27 मार्च, 2018 को मदरसा शिक्षकों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया. जामिया मिलिया इस्लामिया के सहयोग से 40 मदरसा शिक्षकों के लिए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 13 सितंबर, 2018 को 'नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल मोबाइल एप्प' शुरू किया. इस पोर्टल का मकसद गरीब और कमजोर हिस्से के छात्रों के लिए निर्बाध छात्रवृत्ति प्रणाली सुनिश्चित करना है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट आवंटन में करीब 505 करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी की. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रालय के लिए 4700 करोड़ रुपए का आवंटन किया. वर्ष 2017-18 में मंत्रालय के लिए 4195 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.