पीएम के वायदे के एक साल बाद वित्त मंत्री को आई किसानों की याद
By स्वाति सिंह | Updated: December 17, 2017 07:58 IST2017-12-17T07:55:08+5:302017-12-17T07:58:12+5:30
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह साल के दौरान किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सात सूत्री रणनीति का खुलासा किया था

पीएम के वायदे के एक साल बाद वित्त मंत्री को आई किसानों की याद
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार का रवैया साफ किया है। उनके मुताबिक सरकार कृषि की लागत घटाने और किसानों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराने जैसे 'साधनों' का निर्माण कर रही है ताकि उनकी आय दोगुनी हो सके।
एशिया प्रशांत ग्रामीण और कृषि ऋण फोरम के उद्घाटन समारोह में जेटली ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, सिंचाई, विद्युतीकरण, आवास और स्वच्छता जैसे बुनियादी ढांचे को सुधारने की कोशिश कर रही है।
जेटली नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, "किसानों को राज्य सब्सिडी के द्वारा लागत का खर्च कम कीमत पर मुहैया कराया जाएगा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों के लिए बड़ी मात्रा में ऋण उपलब्ध हो, तथा उसके ब्याज के एक बड़े हिस्से का बोझ सरकार उठाएगी।"
उन्होंने कहा, "सही उपज न होने पर किसानों को बीमा का लाभ भी मिलेगा, जिसकी सब्सिडी राज्य द्वारा प्रदान की जाती है। ये विभिन्न साधन हैं जो हम अपने सीमित बजट के अंदर बना रहे हैं।"
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह साल के दौरान किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सात सूत्री रणनीति का खुलासा किया था, ताकि किसानों की आय दोगुनी हो।
इस मौके पर वित्त सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा, "भारत वित्तीय समावेशन की दिशा में व्यापक काम कर रहा है और वित्त तक आसान पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। हमारे पास 1 अरब बैंक खातों का आधार है, और इतनी ही संख्या में आधार पहचान पत्र और मोबाइल हैं, जो कृषि और गैर-कृषि कार्यो में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करेंगे।"
यह मंच संयुक्त रूप से नाबार्ड और एशिया प्रशांत ग्रामीण और कृषि ऋण संघ (एपीआरएसीए) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों का एक क्षेत्रीय संघ है जो ग्रामीण वित्त के क्षेत्र में सहयोग, पारस्परिक आदान-प्रदान और विशेषज्ञता को बढ़ावा देता है।