सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड के आरोपी वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहायक विक्रम भावे के लिए जांच एजेंसी सीबीआई ने 14 और दिनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाए जाने की मांग की थी, जिसे पुणे सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इससे पहले दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
इससे पहले बीते शनिवार (1 जून) को सीबीआई ने अदालत में दोनों आरोपियों की शिकायत की थी। सीबीआई ने कहा था कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने सीबीआई की मांग से उलट दोनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 4 जून तक के लिए बढ़ाई थी।
बता दें कि सीबीआई ने संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे बीती 26 मई को नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के लिए साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2013 के इस हत्याकांड में वकील पुनालेकर ने कुछ आरोपियों की मदद की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने अदालत को बताया था कि वकील पुनालेकर ने दाभोलकर के कथित शूटर्स में से एक शरद कालास्कर से कहा था कि वह हथियारों को नष्ट कर दे। सीबीआई के मुताबिक, इस काम में विक्रम भावे ने उसकी सहायता की थी।
विशेष सरकारी वकील प्रकाश सूर्यवंशी ने शनिवार को अदालत से कहा था कि दाभोलकर हत्याकांड के दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं औप उनसे पूछताछ के लिए समय और बढ़ाना चाहिए। उन्होंने अदालत से कहा था कि पुनालेकर के पास से एक मोबाइल फोन, दो लैपटॉप बरामद हुआ है और डेटा का विश्लेषण किया जा रहा हैं, मामले में जांच के लिए आरोपी से और पूछताछ के लिए समय चाहिए।
दाभोलकर हत्याकांड मामले में सीबीआई ने सनातन संस्था के सदस्य और ईएनटी सर्जन विरेंद्रसिंह तावड़े और कथित शूटर सचिन अंडुरे और शरद कालस्कर को गिरफ्त में लिया है। सीबीआई के मुताबिक, अंधविश्वास के खिलाफ काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह सुबह के वक्त टहलने निकले थे। सीबीआई के मुताबिक सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर ने कथित तौर पर दभोलकर को गोली मारी थी।