राज ठाकरे से गठजोड़ कर रहे उद्धव?, पार्टी में हलचल, किशोर तिवारी ने दिया इस्तीफा, कहा- हिंदी भाषियों, अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के खिलाफ मनसे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 4, 2025 06:03 IST2025-11-04T06:02:10+5:302025-11-04T06:03:07+5:30
Nagpur: 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने जो 20 सीट जीतीं, उनमें से 10 सीट पर उसकी जीत मुख्य रूप से हिंदी भाषी, मुसलमान, दलित और ओबीसी मतदाताओं के समर्थन के कारण ही संभव हुई।

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Nagpur: कृषि कार्यकर्ता किशोर तिवारी ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से संभावित गठबंधन का विरोध करते हुए शिवसेना (उबाठा) से इस्तीफा दे दिया । तिवारी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि मनसे हिंदी भाषियों, अन्य भाषाई अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ये सभी वर्ग "महाविकास आघाडी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की मुख्य रीढ़" हैं।
तिवारी ने कहा कि उन्होंने रविवार को शिवसेना (उबाठा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने जो 20 सीट जीतीं, उनमें से 10 सीट पर उसकी जीत मुख्य रूप से हिंदी भाषी, मुसलमान, दलित और ओबीसी मतदाताओं के समर्थन के कारण ही संभव हुई।
फरवरी में शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता पद से हटाए गए तिवारी ने इससे पहले उद्धव ठाकरे को खुला पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन न करें। उन्होंने कहा था कि राज ठाकरे महाराष्ट्र में गैर-मराठी और मुसलमानों के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। तिवारी ने कहा कि उनकी अपील को नजरअंदाज किया गया, इसलिए उन्होंने अब पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, “अब, भाषाई प्रादेशिकता की सुरक्षा और सामंजस्य तथा राष्ट्रीय हित के लिए, मैं शिवसेना (उबाठा) से अलग हो रहा हूं।” कुछ साल पहले, राज्य सरकार ने तिवारी को किसानों की आत्महत्या रोकने और कृषि सुधार लाने के तरीकों पर सुझाव देने के लिए गठित एक कार्यबल का प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया।