उमरेडः उमरेड-करांडला-पवनी अभयारण्य में बाघिन सी-3 और उसके दो शावकों को जहर देकर मारा गया.
हिरासत में लिए गए नवेगांव साधु ग्राम निवासी खेत मालिक दिवाकर दत्तू नागेकर (40) ने घटना को अंजाम दिए जाने की बात कबूल की है. यह जानकारी पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर के क्षेत्र संचालक डॉ. रविकिरण गोवेकर ने दी है.
ठाणा तालाब परिसर में बाघिन ने एक गाय का शिकार किया था
करांडला बीट अंतर्गत ठाणा तालाब के पास कंपार्टमेंट क्रमांक 1415 के नवेगांव साधु परिसर में शुक्रवार की दोपहर 3:30 बजे बाघिन सी-3 और उसके दो शावक मृत पाए गए थे. बाघिन को तीन शावक थे. तीसरे शावक की देर शाम तक खोजबीन की गई थी, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया था.
बताया जाता है कि ठाणा तालाब परिसर में बाघिन ने एक गाय का शिकार किया था. यह गाय दिवाकर नागेकर की थी. आवेश में आकर बदला लेने के इरादे से उसने उक्त कृत्य करने की जानकारी दी है. डॉ. गोवेकर के अनुसार दिवाकर नागेकर के खिलाफ वन कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कीटनाशक और अन्य सामग्री जब्त की गई
उसके पास से कीटनाशक और अन्य सामग्री जब्त की गई है. पीसीसीएफ नितिन काकोड़कर ने भी घटनास्थल का जायजा लिया. एसीएफ के डॉ. अजित सजणे, आरएफओ रामदास निंबेकर मामले की जांच कर रहे हैं. कुछ ही दूरी पर मृत मिला तीसरा शावक बाघिन सी-3 की उम्र करीब पांच साल थी.
शनिवार को पुन: उसके तीसरे शावक की खोजबीन शुरू की गई. 5-6 टीमें इसमें जुटी हुई थीं. घटनास्थल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर झाडि़यों में तीसरे शावक का शव दिखाई दिया. इसके साथ ही मृत बाघों की संख्या चार हो गई.
किसी को घटनास्थल पर नहीं आने दिया गया
काश इतनी सतर्कता पहले बरती होती बाघिन और उसने तीन शावकों की जहर खिलाने से मौत होने के मामले में वन्यजीव विभाग के अधिकारी अत्यंत गोपनीयता बरतते रहे. कोई जानकारी बाहर नहीं जाए, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया. किसी को घटनास्थल पर नहीं आने दिया गया.
काश इतनी सतर्कता पहले से बरती जाती तो शायद चार बाघों की जान नहीं जाती, यह प्रतिक्रिया उक्त घटना से नाराज वन्यजीव प्रेमियों ने व्यक्त की है. डीएनए जांच के लिए नमूने शनिवार को बाघिन और उसके तीनों शावकों का पोस्टमार्टम किया गया.
जहर और डीएनए से संबंधित जांच के लिए नमूने इकट्ठा किए गए. इस समय डॉ. सैयद बिलाल, डॉ. प्रमोद सपाटे, डॉ. चेतन पाथोड, एनटीसीए एआईजी हेमंत कामड़ी, राहुल गवई, रोहित कारू आदि उपस्थित थे.