वायुसेना की शौर्यगाथा का साक्षी बना नागपुर, पर्यटकों के लिए खुला भव्य वायुसेना संग्रहालय
By फहीम ख़ान | Updated: April 25, 2025 19:25 IST2025-04-25T19:24:30+5:302025-04-25T19:25:40+5:30
नागपुर का यह संग्रहालय न केवल ज्ञानवर्धक स्थल है, बल्कि देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत एक प्रेरणास्रोत भी है.

वायुसेना की शौर्यगाथा का साक्षी बना नागपुर, पर्यटकों के लिए खुला भव्य वायुसेना संग्रहालय
नागपुर- भारतीय वायुसेना के स्वर्णिम इतिहास से रूबरू होने का सुनहरा अवसर अब नागपुरवासियों को मिलेगा. वायुसेना मेंटेनेंस कमांड की ओर से वायुसेना नगर, दाभा गेट के पास एक भव्य वायुसेना संग्रहालय की स्थापना की गई है, जो शनिवार सुबह 10 बजे से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. शुक्रवार को एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मेंटेनेंस कमांड के हाथों इस संग्रहालय का शुभारंभ किया गया.
इस संग्रहालय में भारतीय वायुसेना की गौरवशाली परंपरा, वीरता और तकनीकी प्रगति को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है. यहां विभिन्न प्रकार के एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और मिसाइलों के मॉडेल्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनके माध्यम से भारतीय वायुसेना की विकास यात्रा को बारीकी से समझा जा सकता है.
विशेष रूप से, यहां प्रदर्शित लड़ाकू विमानों और उपकरणों के साथ-साथ वायुसेना के वीर योद्धाओं की प्रतिमाएं और उनकी जानकारी भी दी गई है. हर दीवार और कोना भारतीय वायुसेना के अद्भुत साहस और समर्पण की कहानी कहता है. इस संग्रहालय का उद्देश्य युवाओं और आम नागरिकों को भारतीय वायुसेना के शौर्य, तकनीक और त्याग के प्रति जागरूक करना है. नागपुर का यह संग्रहालय न केवल ज्ञानवर्धक स्थल है, बल्कि देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत एक प्रेरणास्रोत भी है.
फर्राटे से उड़ाईए फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना के अबतक के सभी फाइटर जेट की जानकारी इस संग्रहालय में उपलब्ध कराई गई है. उल्लेखनीय है कि यहां आने वाले लोग सिम्युलेटर के माध्यम से भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट को न सिर्फ उड़ाने का अनुभव ले सकेंगे, बल्कि विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इस फाइटर जेट से दुश्मनों पर मिसाइल हमले भी कर सकेंगे. इसके लिए संग्रहालय में विशेष रूम की व्यवस्था कराई गई है.
एवी के माध्यम से बता रहे इतिहास
भारतीय वायुसेना का स्वर्णिम इतिहास हर कोई जानना चाहता है. विश्व में चौथे स्थान की वायुसेना के इतिहास को हर कोई आसानी से जान सके इस उद्देश्य से इस संग्रहालय में एक छोटा थिएटर बनाया गया है. जिसमें ऑडियो- वीडियो के माध्यम से भारतीय वायुसेना की ताकत को दर्शाया गया है. साथ ही पोकरण परमाणु परीक्षण से लेकर अबतक की विभिन्न लड़ाईयों में वायुसेना की उपलब्धियों को भी यहां एवी के माध्यम से दिखाने की व्यवस्था की गई है.
हेलिकॉप्टर की कॉकपीट में भी जा सकेंगे
आमतौर पर भारतीय सेना के एमआई 17 हेलिकॉप्टरों को लोगों ने केवल आसमान में उड़ते हुए या हेलिपैड पर पार्क किए हुए ही देखा है. लेकिन पहली बार इस संग्रहालय में यह मौका मिलेगा कि लोग इस हेलिकॉप्टर के भीतर जाकर बैठ भी सकेंगे और इसकी कॉकपीट में भी प्रवेश कर सकेंगे. इस संग्रहालय में एमआई 8 ‘प्रताप’ के अलावा मिग 21 ‘त्रिशुल’ को भी रखा गया है.
मंगलवार को रहेगा बंद
वायुसेना का यह संग्रहालय केवल मंगलवार को बंद रखा जाएगा. रक्षा विभाग के पीआरओ ग्रुप कैप्टन रत्नाकर सिंह ने बताया कि अन्य दिनों में सुबह 10 बजे संग्रहालय खुलेगा और दोपहर 2 बजे तक शुरू रहेगा. दुबारा दोपहर 4 बजे खुलेगा और शाम 6 बजे बंद हो जाएगा.
वायुसेना के हीरोज को जानने का मौका
भारतीय वायुसेना ने वैसे तो देश को कई जाबांज हीरो दिए है लेकिन पहले फाइव स्टार रैंक अफसर एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह, मेंटेनेंस कमांड के पहले एओसी इन सी एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह और केवल 28 साल की उम्र में शहीद हुए फ्लाईंग ऑफिसर एनजेएस सेखॉन पीवीसी की प्रतिमाएं भी यहां पर लगाई गई है.