मैसूर के नेत्र शल्य चिकित्सक दंपत्ति ने घाना में की 70 सफल निःशुल्क नेत्र शल्य सर्जरी, वंचित लोगों के जीवन में लाई रोशनी

By अनुभा जैन | Updated: July 25, 2024 17:30 IST2024-07-25T17:30:30+5:302024-07-25T17:30:30+5:30

कर्नाटक के मैसूर जिले के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ दंपत्ति 1995 से ’उषा किरण’ नाम से एक प्रसिद्ध धर्मार्थ नेत्र अस्पताल चला रहे हैं। उन्होंने अपनी सुधारात्मक सर्जरी और वंचितों को नेत्र देखभाल सेवाओं के माध्यम से ख्याति अर्जित की है, खासकर बाल चिकित्सा नेत्र देखभाल के क्षेत्र में। 

Mysore eye surgeon couple performed 70 successful free eye surgeries in Ghana, bringing light to the lives of underprivileged people | मैसूर के नेत्र शल्य चिकित्सक दंपत्ति ने घाना में की 70 सफल निःशुल्क नेत्र शल्य सर्जरी, वंचित लोगों के जीवन में लाई रोशनी

मैसूर के नेत्र शल्य चिकित्सक दंपत्ति ने घाना में की 70 सफल निःशुल्क नेत्र शल्य सर्जरी, वंचित लोगों के जीवन में लाई रोशनी

बेंगलुरु: मानवता की सेवा के लिए समर्पित और विशेष रूप से नेत्र रोगों से पीड़ित लोगों में सुखद बदलाव लाने वाले डॉ. के.वी. रविशंकर और उनकी पत्नी डॉ. उमा रविशंकर जाने-पहचाने नाम हैं। कर्नाटक के मैसूर जिले के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ दंपत्ति 1995 से ’उषा किरण’ नाम से एक प्रसिद्ध धर्मार्थ नेत्र अस्पताल चला रहे हैं। उन्होंने अपनी सुधारात्मक सर्जरी और वंचितों को नेत्र देखभाल सेवाओं के माध्यम से ख्याति अर्जित की है, खासकर बाल चिकित्सा नेत्र देखभाल के क्षेत्र में। 

दोनों डॉक्टर बैंगलोर, डिस्ट्रिक्ट 3191 के रोटरी ई-क्लब के सदस्य हैं और रोटरी की छत्रछाया में उन्होंने नेत्र शिविर आयोजित कीं और लोगों को मुफ्त चिकित्सा जांच, दवाइयां और आंखों के चश्मे उपलब्ध कराए। जुलाई 2024 में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, डॉ केवी रविशंकर और डॉ उमा ने विभिन्न रोटरी क्लबों, रोटेरियन और अन्य कुछ नेक लोगों के समर्थन से, घाना के तामाले में 12 बच्चों (कई बच्चों की दोनों आंखों की सर्जरी हुई) की 17 आंखों की सर्जरी सहित बड़ी संख्या में बच्चों और वयस्कों के लिए कुल 70 प्रमुख सर्जरी की।

6 जुलाई से 15 जुलाई तक चले इस प्रोजेक्ट पर लगभग 14 हजार अमेरिकी डॉलर का खर्च आया लेकिन सर्जरी मुफ्त की गई क्योंकि यह पूरी तरह से इन वंचित लोगों के कल्याण के लिए धर्मार्थ कार्य था। 

डॉ रविशंकर ने लोकमत प्रतिनिधि डा. अनुभा जैन से हुये विशेष साक्षात्कार में बताया कि ’’बहुत से मरीज जन्मजात मोतियाबिंद से पीड़ित थे, जिसके साथ एक या दूसरी विसंगतियाँ जुड़ी हुई थीं जैसे छोटी आँखें, छोटा कॉर्निया, काँपती या बहुत बड़ी आँखें, झुकी हुई पलकें, आदि। हमने अन्य 100 से ज़्यादा सर्जरी के लिए अस्पतालों में कुछ उपकरण और आपूर्ति छोड़ दी है। बच्चों पर की गई 17 सर्जरी में से 5 को छोड़कर सभी जन्मजात थीं। कुल मोतियाबिंद के मामले जहाँ सर्जरी से पहले दृष्टि व्यावहारिक रूप से शून्य थी। उनमें से अधिकांश सर्जरी के बाद अच्छी रिकवरी कर चुके हैं। लगभग 60 वयस्क मोतियाबिंद सर्जरी मामलों में से कम से कम आधा दर्जन रोगी ऐसे थे जो व्यावहारिक रूप से दोनों आँखों से अंधे थे।“

उन्होंने आगे कहा कि घाना का तामाले एक अंडर सर्वड उत्तरी रीजन है जिसकी आबादी लगभग 20 लाख है लेकिन विडंबना यह है कि वहाँ केवल एक नेत्र सर्जन है। दूसरी ओर, अगर हम मैसूर की आबादी देखें तो यह लगभग उतनी ही है, यानी 20 लाख लेकिन हमारे यहाँ 150 नेत्र सर्जन हैं। इसलिए, इस तरह के दौरे तामाले के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं।

इस श्रृंखला में, अफ्रीका के अलावा, डॉक्टर दंपति ने लैटिन अमेरिका, बांग्लादेश और एशिया में नेत्र देखभाल सेवाएँ प्रदान की हैं। बाल चिकित्सा मोतियाबिंद के अलावा, इस दंपति ने बचपन के ग्लूकोमा, झुकी हुई पलकें और सिं्क्वट से पीड़ित बच्चों का इलाज किया है। 

यह उल्लेख करना उचित है कि उषा किरण नेत्र अस्पताल, मैसूर, श्री विवेकानंद सेवाश्रम, एक और गैर सरकारी संगठन है, के सहयोग से सबसे बड़ी बाल चिकित्सा सामुदायिक नेत्र विज्ञान परियोजनाओं में से एक चला रहा है जो दक्षिणी कर्नाटक के मैसूर, मांड्या और चामराजनगर जिलों में दो दशकों से काम कर रहा है, जिसके माध्यम से इन जिलों के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों के 400,000 से अधिक बच्चों की आंखों की बीमारियों की जांच की गई है, और जिन्हें चश्मे की ज़रूरत थी उन्हें (12000 से ज़्यादा) चश्मा मुहैया कराया गया है, जिन्हें बड़ी आंखों की सर्जरी की ज़रूरत थी (1000 से ज़्यादा) उन्हें सामान्य एनेस्थीसिया के तहत सर्जरी करवाई गई है। बाल चिकित्सा समुदाय नेत्र विज्ञान परियोजना पूरी तरह से सार्वजनिक समर्थन से चलती है और किसी भी बड़ी सर्जरी के लिए एक भी रुपया नहीं लिया जाता है।

इसी क्रम में, लखनऊ में वंचितों के लिए दीर्घकालिक सेवाओं के लिए उषा किरण अस्पताल को ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीएपीआईओ) द्वारा मार्च 2024 में सबसे प्रतिष्ठित डॉ. प्रताप रेड्डी परोपकार पुरस्कार दिया गया। इसी तरह, डॉ. उमा रविशंकर को सितंबर 2017 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आईएपीबी) द्वारा “आई हेल्थ हीरो“ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

रोटरी के नेत्ररक्षक पुरस्कार प्रशस्ति पत्र से सम्मानित दंपति ने अपने नेक प्रयासों से इन गरीब वंचित वर्ग के लोगों के जीवन जीने के तरीके में आशावाद पैदा किया और उनकी दुर्बलताओं के कारण लगे मनोवैज्ञानिक कलंक से उबरने में मदद की है।

Web Title: Mysore eye surgeon couple performed 70 successful free eye surgeries in Ghana, bringing light to the lives of underprivileged people

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