मुजफ्फरपुर रेपकांड: बेहद शर्मनाक नीतीश सरकार का रवैया, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी, 24 घंटे में दुरुस्त करे FIR नहीं तो...
By पल्लवी कुमारी | Published: November 27, 2018 12:06 PM2018-11-27T12:06:59+5:302018-11-27T12:06:59+5:30
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिहार के 110 में से 17 शेल्टर होमकेस में रेप की घटनाएं हुई हैं। क्या सरकार की नजर में वो देश के बच्चे नहीं है?' हालांकि इसके बाद बिहार सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही अपनी गलतियों में सुधार कर कार्रवाई करेंगे।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार की नीतीश कुमार सरकार को फिर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार(28 नवम्बर) तक टाल दी है। कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर वह एफआईआर में बदलाव करे।
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में 24 घंटे के अंदर रेप की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज न करने पर बिहार सरकार को जमकर सुनाया है। इस मामले की सुनवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
Supreme Court says, “What are you (Bihar govt) doing? It’s shameful. If the child is sodomised you say it’s nothing? How can you do this? It’s inhuman. We were told that matter will be looked with great seriousness, this is seriousness? Every time I read this file it’s tragic.” https://t.co/jRTxusLQfK
— ANI (@ANI) November 27, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्य सचिव को बोला, यह बड़े शर्म की बात है कि बिहार में बच्चों के साथ गलत हुआ है लेकिन ये कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ है।
Muzaffarpur shelter home case: Supreme Court slams Bihar government over its failure to file correct FIR and gives 24 hours to it add charges under section 377 (rape) IPC and POCSO Act in the FIR.
— ANI (@ANI) November 27, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चेतवानी दी है कि अगर जांच में हमने पाया कि पाक्सो एक्ट और आईपीसी 377 के धारा के अंदर एफआईआर दर्ज ना होकर कार्रवाई नहीं हुई होगी तो हम सरकार के लिए जांच करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिहार की सरकार क्या कर रही है? जब हमने पहले ही कह दिया था कि इस मसले को हम प्रथामिकता से ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से सवाल किए, एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? जांच कैसे कर रहे हैं? देरी से एफआईआर दर्ज करने का मतलब क्या रह जाता है? क्या सीबीआई की ओर से दिए जा रहे फॉलोअप को बिहार सरकार अमल में ला रही है?
Supreme Court asks counsel appearing for the CBI lawyer to take instruction if CBI can investigate the cases relating to sexual assault in nine out of 17 shelter homes in Bihar named in the TISS report.
— ANI (@ANI) November 27, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिहार के 110 में से 17 शेल्टर होमकेस में रेप की घटनाएं हुई हैं। क्या सरकार की नजर में वो देश के बच्चे नहीं है?' हालांकि इसके बाद बिहार सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही अपनी गलतियों में सुधार कर कार्रवाई करेंगे।