मुस्लिम किशोर ने हिंदू रैली पर 'थूका', प्रशासन ने घर पर चलाया बुलडोजर, मुख्य गवाह कोर्ट में पलटा, पहचानने से किया इनकार, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 18, 2024 02:32 PM2024-01-18T14:32:23+5:302024-01-18T14:49:19+5:30
उज्जैन में अल्पसंख्यक किशोर द्वारा कथिततौर से हिंदू जुलूस पर 'थूके' जाने पर प्रशासन ने अतिक्रिमण के बहाने उसका घर गिरा दिया। अब मामले में मुख्य शिकायतकर्ता अपने बयान से पलट गया है और किशोर को पहचानने से इनकार कर दिया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश के उज्जैन में 18 साल के अदनान मंसूरी ने एक हिंदू जुलूस पर कथिततौर से 'थूकने' के आरोप में 151 दिन जेल में बिताए लेकिन जब वो जेल से बाहर आया तो उसका घर मलबे में तब्दिल मिला। दरअसल अदनान द्वारा की गई उस कथित घटना के तुरंत बाद उज्जैन प्रशासन ने अतिक्रमण का हवाला देते हुए उनके घर पर बुलडोजर चला दिया, जिसके कारण अदनान का परिवार बेघर हो गया।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार पांच महीने सलाखों के पीछे गुजारने के बाद अदनान को जमानत मिल गई है क्योंकि उसके खिलाफ शिकायत करने वाला मुख्य गवाह अपनी गवाही से मुकर गया और उसे पहचानने से इनकार कर दिया। दिलचस्प है कि इस मामले में अदनान का नाबालिग भाई और उसका चचेरा भाई भी आरोपी है लेकिन उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी।
बताया जा रहा है कि बीते साल 17 जुलाई को अदनान और उसके दो भाई छत पर थे, तभी उज्जैन में शिवभक्तों द्वारा महाकाल की बारात निकाली गई, जो उनके घर के पास से गुजर रही थी। तभी भीड़ में से किसी ने अदनान की ओर इशारा करके चिल्लाया, "वे थूक रहे हैं", उस शख्स का बस इतना कहना था कि पुलिस ने अदनाम समेत छत पर मौजूद सभी लड़कों को हिरासत में ले लिया।
घटना के बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया और दो दिन बाद स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण का हवाला देते हुए उसका घर ध्वस्त कर दिया गया। मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने उस वक्त कहा था कि 'भगवान शिव का अपमान करने वालों को शिव तांडव के लिए भी तैयार रहना होगा।'
इस बीच पुलिस द्वारा अदनान और उसके भाइयों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, शत्रुता को बढ़ावा देने, धार्मिक सभा में बाधा डालने और सार्वजनिक रूप से शरारत करने का आरोप लगाया गया। मामले में उज्जैन निवासी सावन लोट की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
बीते सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदनान को जमानत दे दी। जज ने अदनान को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि गवाह सावन लोट, जो कि अभियोजन पक्ष का गवाह नंबर 1 है, उसने अदालत में आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया।
कोर्ट में बयान के बाद सावन लोट ने कहा कि वह अदनान को नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, "मैं उस लड़के को नहीं जानता जिसका वीडियो मुझे दिखाया गया, मैंने उसे पहचानने से इनकार कर दिया।" हालांकि लोट ने कहा कि उन्होंने 17 जुलाई को घटना स्थल पर अन्य दो लड़कों को देखा था और उनकी पहचान की थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि अपराध के लिए अदनान का घर गिराना जरूरी नहीं था।
अदनान के पिता अशरफ ने कहा कि भले ही अपना घर खो दिया है लेकिन उन्हें खुशी है कि बेटा वापस मिल गया है। उन्होंने कहा, "मुझे किसी से कुछ नहीं चाहिए, बच्चों को जमानत मिल गई है। अब मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि वे केस से बरी हो जाएं, मैं बस इतना ही चाहता हूं। मुझे इसकी परवाह नहीं है कि मेरे घर के साथ क्या हुआ।"
घर गिराए जाने के बात पर अशरफ ने कहा, "अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू होने वाला है इसलिए घर तो वैसे भी तोड़ दिया जाएगा। मुझे वहां एक दुकान चलानी है। हर कोई जानता है कि कुछ गलत हुआ है। हम सिर्फ अपने बच्चे सुरक्षित चाहते हैं।"