संगीतकार जुबिन गर्ग की मौत, सीबीआई जांच की मांग तेज, कांग्रेस विधायक देबव्रत सैकिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2025 22:50 IST2025-09-24T22:23:02+5:302025-09-24T22:50:46+5:30

Musician Zubin Garg's death: पत्र में कहा कि असम आपराध जांच विभाग (सीआईडी) की जांच में मदद के लिए उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के नेतृत्व में सीबीआई जांच कराई जाए।

Musician Zubin Garg's death Demand CBI probe intensifies Congress MLA Debabrata Saikia writes President Draupadi Murmu | संगीतकार जुबिन गर्ग की मौत, सीबीआई जांच की मांग तेज, कांग्रेस विधायक देबव्रत सैकिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र

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Highlightsगुवाहाटी उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर अदालत की निगरानी में जांच की अपील की है।संदिग्ध हालात को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यह पत्र लिख रहा हूं।असम सरकार ने सीआईडी जांच शुरू की है और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के निर्देश के बाद, पुलिस महानिदेशक हरमीत (डीजीपी) सिंह ने बुधवार को लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की पिछले सप्ताह सिंगापुर में हुई असामयिक मृत्यु की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस बीच गर्ग के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद प्रदेश के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य बुधवार को उनके आवास पर परिवार के सदस्यों से मिलने पहुंचे। असम पुलिस का अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) वर्तमान में गर्ग की मौत के मामले की जांच कर रहा है।

‘नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ के आयोजकों के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। गायक इसी कार्यक्रम में प्रस्तुति के गए थे। इससे पहले शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे प्रिय जुबिन गर्ग की असामयिक मृत्यु के संबंध में, हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे।

आज मैंने असम के पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी के साथ-साथ असम के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।” उन्होंने कहा, “मैंने डीजीपी को असम पुलिस के सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विसरा के नमूने विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल), दिल्ली भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा, “एसआईटी को पूरी पेशेवर निष्ठा के साथ मामले की जांच करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।” लोगों के एक बड़े वर्ग की मांग के बाद मंगलवार सुबह गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में गर्ग के शव का दूसरा पोस्टमार्टम किया गया।

गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय डूबने के कारण निधन हो गया था। मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के बाहरी इलाके में इस लोकप्रिय गायक का अंतिम संस्कार किया गया। बाद में डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।

सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा सर के निर्देशानुसार, जुबिन गर्ग की संदिग्ध और त्रासद मौत की पारदर्शी और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए, एम.पी. गुप्ता, विशेष डीजीपी, असम सीआईडी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।”

गुप्ता के साथ, एसआईटी के अन्य सदस्य सीएम विजिलेंस एसएसपी रोजी कलिता, सीआईडी ​​अतिरिक्त एसपी मोरमी दास, लखीमपुर अतिरिक्त एसपी लाबा डेका, टिटाबोर सीडीएसपी तरुण गोयल और नगांव डीएसपी परिमिता सरकार हैं। सिंह ने इस संबंध में एक आदेश साझा करते हुए कहा कि सीआईडी ​​के निरीक्षक धुरबो ज्योति बोरा, मुक्ताजुर रहमान और कृष्णु पाठक के साथ उपनिरीक्षक गिरेन्द्र केओट भी एसआईटी का हिस्सा हैं। आदेश में कहा गया है, “एसआईटी को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करनी चाहिए।

उपरोक्त सभी अधिकारी एसआईटी के कार्यकाल तक उससे जुड़े रहेंगे।” राज्यपाल आचार्य ने गर्ग के पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर और उनकी पत्नी गरिमा गर्ग से मुलाकात कर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। आचार्य ने एक बयान में कहा, “एक प्रतिभाशाली गायक, संगीतकार और सांस्कृतिक दूत, जुबिन सिर्फ एक कलाकार से कहीं बढ़कर थे।

वे असम की जीवंत पहचान के एक जीवंत प्रतीक थे, जिन्होंने विभिन्न पीढ़ियों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोगों को जोड़ा।” परिवार के सदस्यों से बात करते हुए, राज्यपाल ने गर्ग की समावेशिता और भाईचारे के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा, “भले ही जुबिन अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और उनके मूल्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।”

असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबव्रत सैकिया ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर प्रसिद्ध गायक और संगीतकार जुबिन गर्ग की मृत्यु की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने का आग्रह किया। गर्ग की पिछले सप्ताह सिंगापुर में समुद्र में डूबने से मृत्यु हो गई थी।

असम जातीय परिषद (एजेपी) और राइजोर दल (आरडी) जैसे अन्य विपक्षी दलों ने भी जुबिन गर्ग की मौत की जांच सीबीआई द्वारा कराए जाने की मांग की है। साथ ही एक व्यक्ति ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर अदालत की निगरानी में जांच की अपील की है।

सैकिया ने अपने पत्र में कहा कि असम आपराध जांच विभाग (सीआईडी) की जांच में मदद के लिए उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के नेतृत्व में सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने लिखा, "मैं सिंगापुर में 19 सितंबर को असम के प्रसिद्ध गायक और संगीत कलाकार जुबिन गर्ग की मौत के संदिग्ध हालात को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यह पत्र लिख रहा हूं।

इस मामले में तत्काल अतिरिक्त जांच सहयोग की आवश्यकता पर बल दे रहा हूं क्योंकि क्षेत्रीय सीमाओं के कारण जांच में बाधा आ रही है और साजिश के पर्याप्त संकेत मौजूद हैं।" सैकिया ने कहा, "हालांकि असम सरकार ने सीआईडी जांच शुरू की है और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

लेकिन चूंकि मौत सिंगापुर में हुई है इसलिए यह मामला राज्य पुलिस के लिए एक असाधारण चुनौती पेश करता है, जिसे वह पूरी तरह नहीं सुलझा सकती।" सैकिया ने आरोप लगाया कि शुरुआती साक्ष्य बताते हैं कि गर्ग की मृत्यु में किसी प्रकार की जबरदस्ती शामिल हो सकती है। प्रस्थान से पहले गर्ग ने अपने करीबी साथियों से कहा था कि वह स्वेच्छा से यात्रा नहीं कर रहे हैं बल्कि भारी दबाव में जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, "उन्हें खास तौर पर सीमित साथियों के साथ सिंगापुर भेजा गया, जो उनकी सामान्य यात्रा शैली से अलग था। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि घटना के समय गवाहों की संख्या न्यूनतम हो, उनके सुरक्षा दल की निगरानी न हो, संभावित मददगारों से दूरी बनी रहे और आयोजकों की जवाबदेही भी कम हो।"

सैकिया ने यह भी कहा कि ‘नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत के बयान आपस में विरोधाभासी हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि या तो जानबूझकर गुमराह किया गया है या फिर गंभीर लापरवाही हुई है। बुधवार को ही असम सरकार ने श्यामकानु महंत पर राज्य में कोई भी कार्यक्रम या आयोजन करने पर रोक लगा दी।

महंत असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत के छोटे भाई हैं, जो फिलहाल असम राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर हैं। उनके एक अन्य बड़े भाई ननी गोपाल महंत मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार रह चुके हैं और बाद में गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति बने। सैकिया ने कहा, "यह मामला सिर्फ एक दुखद मौत नहीं बल्कि एक मजबूत और निर्भीक आवाज की संभावित सुनियोजित हत्या को दर्शाता है। मामला जांच में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और निगरानी की मांग करता है।"

जुबिन की मौत के मामले में न्यूज़ चैनल मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन

गायक जुबिन गर्ग के सैकड़ों प्रशंसकों ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और चैनल के मालिक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। चैनल के मालिक पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे। ‘प्राग न्यूज’ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव नारायण गर्ग पिछले सप्ताह जुबिन की हुई मौत की पूरी घटना में अपनी भूमिका नहीं होने को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए अपने कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे और तभी यह विरोध प्रदर्शन हुआ।

जुबिन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय निधन हो गया जहां वह पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने गए थे। लोकप्रिय गायक का मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के बाहरी इलाके में अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना में नारायण की कथित भूमिका के लिए उनके खिलाफ बोंगाईगांव थाने में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

इसे आगे की जांच के लिए अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ​​मुख्यालय भेज दिया गया है। नारायण ने दावा किया कि वह उस निजी नौका पर मौजूद नहीं थे और वह गर्ग को बंदरगाह से अस्पताल ले गए थे। इस नौका में कुछ असमिया अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ गायक सिंगापुर के एक द्वीप पर गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नौका यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मैं दोपहर का भोजन कर रहा था तभी श्यामकानु महंत का फ़ोन आया कि जुबिन के साथ घटना घटी है। मैं तुरंत बंदरगाह पहुंचा और उन्हें अस्पताल ले गया।’’ महंत इस महोत्सव के मुख्य आयोजक थे और महोत्सव को त्रासदी के बाद रद्द कर दिया गया था।

नारायण द्वारा राज्य की राजधानी के उलुबारी स्थित अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता किए जाने के दौरान गर्ग के सैकड़ों प्रशंसक बाहर एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। यहां एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘वह एक आपराधिक मामले में आरोपी हैं और वह प्रेस वार्ता कैसे कर सकते हैं? पुलिस ने उन्हें एक बार भी हिरासत में क्यों नहीं लिया या उनसे पूछताछ क्यों नहीं की?

हम इस मामले में कोई नरमी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह जुबिन दा का मामला है।’’ इससे पहले असम सरकार ने श्यामकानु महंत पर राज्य में कोई भी समारोह या कार्यक्रम आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। गर्ग की असामयिक मृत्यु में उनकी कथित भूमिका के लिए महंत और अन्य के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं।

सिंगापुर जनरल अस्पताल से प्राप्त मृत्यु प्रमाण पत्र में गर्ग की मृत्यु का कारण 'डूबना' बताया गया है। महंत पूर्व पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत के छोटे भाई हैं जो वर्तमान में असम राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त हैं। उनके एक और बड़े भाई नानी गोपाल महंत हैं, जो गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति बनने से पहले मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार थे।

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