इटली में फंसी थी मुंबई की बेटी, लाचार पिता के एक मेल पर मोदी सरकार ने ऐसे कराई वतन वापसी
By स्वाति सिंह | Updated: March 18, 2020 15:11 IST2020-03-18T15:04:58+5:302020-03-18T15:11:05+5:30
कोरोना वायरस से प्रभावित इटली में फंसे 211 भारतीय को 15 मार्च को भारत लाया गया। इटली में कोरोना वायरस से 2,158 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 27,980 से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं।

कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान और इटली में फंसे हुए 450 से अधिक भारतीयों को रविवार को दो विमानों से वापस लाया गया
कोरोना वायरस (Coronavirus, COVID-19) से निपटने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा हो रही है। देश के साथ-साथ विदेशों में फंसे नागरिकों को वापस लाने तक के लिए भारत सरकार ने स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला है। इसी बीच बताया जा रहा है कि मुंबई के एक सज्जन सुजय कदम की बेटी इटली के मिलान में फंस गई थीं लेकिन भारत सरकार के सहयोग से अब वह भारत वापस आ गई हैं।
सुजय की बेटी अपनी पढ़ाई के लिए 4 फरवरी को इटली के मिलान के विश्वविद्यालय गई थी। 20 फरवरी को उसके कॉलेज की क्लास शुरू होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते उसका कॉलेज भी बंद कर दिया गया था। टाइम्स नाउ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा 'मैं लगातार कई वर्षों से मोदी सरकार को दोषी ठहराता था। अब पता चला है कि भारत सरकार ने मेरी बेटी के लिए एक पिता के रूप में काम किया। उनकी बेटी 15 मार्च को भारत लौटी और उसे आईटीबीपी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है।
सुजय बताते हैं कि 28 फरवरी तक वहां कोई समस्या नहीं थी। लेकिन दस दिन बाद ही खबर मिली कि इटली में सब कुछ बंद हो गया है यहां तक कि सुपर मार्केट्स भी बंद हो गए हैं। तभी उनकी बेटी बेटी ने फोन कर बताया की उसके पास अब सिर्फ दो हफ्ते का खाने का सामान बचा है। टाइम्स नाउ को अपनी आपबीती बताते हुए सुजय भावुक हो गए। उन्होंने कहा 'बेटी की ये बात सुनकर पूरा परिवार बुरी तरह घबरा गया था। मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ जब मैंने अपनी बेटी को वापस आने पर देखा। मैं बार बार अपने हृदय से मोदी सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूँ।'
उन्होंने आगे कहा 'मैं हिम्मत हार गया था। मुझे लगा कि अब अपनी बेटी को कभी देख नहीं पाएंगे। लेकिन जब बेटी वापस आ गई है। सुजय बेटी की वापसी पर इतने खुश हैं कि वे कहते हैं कि मैं मोदी सरकार की जितनी प्रशंसा करूं वो कम होगी। मेरी बेटी की वापसी किसी चमत्कार से कम नहीं है। सुजय ने कहा कि हमने उसे जल्द वापस लौटने को कहा, लेकिन इटली सरकार ने भारत वापस जाने के लिए उससे सार्टिफिकेशन की मांग की। इटली सरकार केवल उन्हीं लोगों को जाने दे रही थी जिनके बाद इंडियन अथॉरिटीज से सार्टिफिकेशन मिला हुआ था। ऐसे में 12 मार्च की सुबह साढ़े आठ बजे सुजय खुद इंडियन दूतावास की वेबसाइट को चेक किया तो पता चला कि मिलान के भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है। इसके बाद उन्होंने भारतीय दूतावास के आठ लोगों के ई-मेल एड्रेस ढूंढने में कामयाब रहे। उन्होंने उन मेल आईडी पर एसओएस मेल करते हुए लिखा कि उनकी बेटी मिलान में फंस गई है। कैसे उन्हें 13 मार्च तक सार्टिफिकेशन मिल पाएगा?
सुजय ने आगे बताते हैं कि उसके बाद भारतीय समय के मुताबिक रात करीब साढ़े दस बजे बेटी का फोन आया कि उसके पास भारतीय दूतावास से फोन किया गया है और वे अगले दिन फ्लाइट से वापस भारत लौट रही है। दुख की घड़ी में भारत सरकार की तरफ से किए काम से काफी प्रभावित हैं। उनकी बेटी 14 मार्च को वापस मिलान से भारत के लिए चल पड़ी। उसने 15 मार्च को भारत में कदम रखा और दिल्ली के आईटीबीपी अस्पताल में रखा गया, जहां पर उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।
वहीं, कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान और इटली में फंसे हुए 450 से अधिक भारतीयों को रविवार को दो विमानों से वापस लाया गया और उन्हें पृथक इकाइयों में रखा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे पर सुबह करीब पौने दस बजे मिलान से कुल 218 भारतीय पहुंचे जिनमें अधिकतर छात्र थे। उन्हें दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला में आईटीबीपी के पृथक केंद्र में ले जाया गया। मुरलीधरन ने ट्वीट किया, ‘‘ (इटली के) मिलान से 211 छात्रों समेत 218 भारतीय दिल्ली पहुंचे। सभी को 14 दिनों तक अलग रखा गया है। भारतीय जहां कहीं भी मुसीबत में हैं, भारत सरकार उन तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इटली सरकार, इटली में भारतीय दल, एयर इंडिया और विदेश मंत्री एस जयशंकर के सहयोग के लिए उनका शुक्रिया।’’
इटली में कोरोना वायरस से 2,158 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 27,980 से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मिलान से आए सभी 218 लोगों को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके में पृथक केंद्र में रखा गया है। प्रक्रिया के मुताबिक उन्हें वहां एक पखवाड़े तक रखा जाएगा।’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया है। दुनियाभर में इस संक्रामक रोग से 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राजनयिक और कामकाजी जैसी चुनिंदा श्रेणियों को छोड़कर सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं।