मुंबई वोटर लिस्टः 1.03 करोड़ मतदाता, 11,01,505 मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा बार दर्ज?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2025 12:35 IST2025-11-27T12:35:15+5:302025-11-27T12:35:59+5:30
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि ‘डुप्लीकेट’ प्रविष्टियों की सबसे अधिक संख्या वाले वार्डों का प्रतिनिधित्व पहले विपक्षी पार्षदों के पास था।

सांकेतिक फोटो
मुंबईः मुंबई के 1.03 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 10.64 प्रतिशत यानी 11 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम वोटर सूची में एक से ज्यादा बार दर्ज हैं। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि ‘डुप्लीकेट’ प्रविष्टियों की सबसे अधिक संख्या वाले वार्डों का प्रतिनिधित्व पहले विपक्षी पार्षदों के पास था।
एसईसी ने आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तारीख 27 नवंबर से बढ़ाकर तीन दिसंबर कर दी। महाराष्ट्र चुनाव आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची 10 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। हाल में जारी मसौदा मतदाता सूची में 4.33 लाख ऐसे मतदाता पाए गए हैं, जिनके नाम दो से लेकर 103 बार तक दर्ज हैं। इसके साथ ही, कुल ‘डुप्लीकेट’ प्रविष्टियों की संख्या बढ़कर 11,01,505 हो गई है।
महाराष्ट्र : नगर निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र के कल्याण में कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) चुनावों से पहले इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में कांग्रेस की कल्याण इकाई के अध्यक्ष सचिन पोटे भी शामिल हैं। केडीएमसी चुनाव प्रस्तावित हैं लेकिन इसका कार्यक्रम अभी तक घोषित नहीं किया गया है। पोटे ने बुधवार को इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से कहा कि उनका इस्तीफा शीर्ष नेतृत्व के उस निर्देश के बाद आया है, जिसके तहत नए पदाधिकारियों के लिए जगह बनाने को कहा गया था।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसी तरह की नाराजगी का संकेत नहीं है और बाहरी दबावों तथा अन्य राजनीतिक दलों से उनकी पार्टी में शामिल होने के प्रस्ताव मिलने के बावजूद वह और उनके समर्थक कांग्रेस की विचारधारा और उसके नेतृत्व के प्रति वफादार रहेंगे।
बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की सूची से मेल नहीं खाते: आयोग
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की नवीनतम मतदाता सूची की तुलना पिछली एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 2002 और 2006 के बीच विभिन्न राज्यों में तैयार की गई सूचियों से करने पर यह विसंगति सामने आई।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पोर्टल पर अपलोड होने के बाद, इन प्रपत्रों को ‘मैपिंग’ प्रक्रिया के तहत लाया जाता है,
जहां इनका मिलान पिछले एसआईआर रिकॉर्ड से किया जाता है। शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नामों का मिलान अब भी पिछले एसआईआर चक्र के आंकड़ों से नहीं किया जा सका है।’’