मुंबई: एक, दो नहीं बल्कि 222 गोविंदा घायल हुए दही-हांडी प्रतियोगिता में, सीएम एकनाथ शिंदे देंगे मुआवजा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 20, 2022 18:37 IST2022-08-20T18:34:42+5:302022-08-20T18:37:11+5:30
मुंबई और ठाणे में कृष्ण जन्माष्टमी को मौके पर दही-हांडी फोड़ते हुए कम से कम 222 गोविंदा घायल हुए हैं। जिनका इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में किया गया। शुक्र की बात यह है कि कोई भी गोविंदा गंभीर रूप से घायल नहीं है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई: कृष्ण जन्माष्टमी को मौके पर मुंबई और उपनगरीय क्षेत्र ठाणे में दही-हांडी फोड़ते हुए कम से कम 222 'गोविंदा' घायल हुए हैं। इस संबंध में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृहक्षेत्र ठाणे में करीब 64 गोविंदाओं को मरहम पट्टी की जरूरत पड़ी है और करीब 12 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हालांकि शुक्र है कि सभी चोटिल गोविंदा खतरे से बाहर हैं।
इस मामले में मुंबई से जो सूचना मिल रही है, उसके मुताबिक लगभग 197 'गोविंदा' दही-हांडी को तोड़ने के चक्कर में चोटिल हुए, जिनमें से 25 को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
दही-हांडी के चक्कर में घायल होने वाले 222 गोविंदाों में से सबसे अधिक 58 गोविंदाओं का इलाज केईएम अस्पताल में हुई। उसके बाद राजावाड़ी अस्पताल और ट्रॉमा केयर अस्पताल में 20-20 घायल पहुंचे। वहीं सायन अस्पताल में 19 और कूपर अस्पताल में 17 गोविंदाओं का इलाज किया गया।
इसके अलावा मुंबई के नायर अस्पताल में 12, बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में 10, पोद्दार अस्पताल में 9, भाभा अस्पताल ने 8 और शताब्दी अस्पताल में भी 4 गोविंदा चोट लगने के बाद इलाज के लिए पहुंचे। ऐसा नहीं है कि घायल गोविंदाओं ने केवल सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराया बल्कि कुछ ने मुंबई के प्राइवेट अस्पतालों मसलन बॉम्बे अस्पताल, हिंदुजा अस्पताल और नानावती अस्पताल में भी इलाज कराया।
इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर गोविंदाओं को मानव पिरामिड बनाते समय गिरने के बाद हाथों और पैरों में चोट आई थी। शिंदे सरकार ने मुंबई के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया था कि घायल गोविंदाओं का मुफ्त में इलाज किया जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को विधानसभा में ऐलान किया था कि राज्य सरकार ने दही हांडी को एडवेंचर स्पोर्ट का दर्जा दिया है और राज्य सरकार एडवेंचर स्पोर्ट के तहत दही-हांडी में भाग लेने वाले युवाओं को स्पोर्ट्स कोटा के तहत सरकारी नौकरी भी देगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा भी कहा था कि अगर दही-हांडी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवाओं को मानव पिरामिड बनाते अगर चोट लगती है तो घायल होने वाले युवाओं या उनके परिवारों को सरकारी मुआवजा भी दिया जाएगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)