तपोवन की बड़ी सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाया जा रहा है बहुएजेंसी अभियान

By भाषा | Published: February 8, 2021 01:34 PM2021-02-08T13:34:56+5:302021-02-08T13:34:56+5:30

Multi-agency campaign is being conducted to save the people trapped in the big tunnel of Tapovan | तपोवन की बड़ी सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाया जा रहा है बहुएजेंसी अभियान

तपोवन की बड़ी सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाया जा रहा है बहुएजेंसी अभियान

देहरादून, आठ फरवरी उत्तराखंड के आपदाग्रस्त चमोली जिले में सोमवार को बचाव और राहत अभियान में तेजी आने के साथ ही 10 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं जबकि 140 लोग अब भी लापता हैं। तपोवन में एक बड़ी सुरंग में फंसे करीब 34 लोगों को बचाने के बचाव अभियान रातभर से चलाई गई।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवान तथा राज्य आपदा मोचन बल के कुछ दल बड़ी सुरंग को खोलने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें कीचड़, मलबा और गाद भर गए हैं। जवान इसमें फंसे लोगों के करीब पहुंच रहे हैं।

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने दिल्ली में पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सुरंग में फंसे करीब 30 लोगों को बचाने के लिए हमारे दल रातभर से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे अभियान के लिए खास उपकरणों की मदद ली जा रही है। उम्मीद है कि हम सभी को बचा लेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग में बहुत सारा मलबा भर गया है। सुरंग के भीतर करीब 80 मीटर का हिस्सा साफ कर लिया गया है और वहां तक पहुंच बन गई है। ऐसा अनुमान है कि अभी करीब और 100 मीटर हिस्से से मलबे को साफ करना होगा।’’

पांडे ने बताया कि घटनास्थल पर आईटीबीपी के करीब 300 जवान मौजूद हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘हेड रेस टनल या एचआरटी’ में करीब 34 लोग फंसे हुए हैं।

पांडे ने बताया कि बल के अतिरिक्त महानिदेशक (पश्चिम कमान) एम एस रावत ने सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और वहां काम कर रहे अधिकारियों से बात की।

आईटीबीपी के दल 1,500 मीटर से अधिक लंबी सुरंग को साफ करने का प्रयास कर रहे हैं और मशीनों के जरिए 1,329 मीटर से अधिक रास्ता साफ कर लिया गया है।

बल की ओर से उपलब्ध करवाए गए वीडियो में वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल सुरंग के नक्शे का विश्लेषण करता और वहां पहुंचने के लिए सही मार्ग तलाशने का प्रयास करता दिख रहा है।

एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग में प्रवेश का केवल एक ही रास्ता है।

एनडीआरएफ के दल भी रविवार रात को घटनास्थल पर पहुंच गए थे। बल खोजी कुत्तों की मदद से जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहा है।

एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने ट्विटर पर बताया कि एमआई-17 हेलिकॉप्टरों की मदद से घटनास्थल पर और दलों को भेजा गया है। ये हेलिकॉप्टर जोशीमठ में हैलिपेड पर उतरे।

उन्होंने कहा कि एजेंसियां करीबी समन्वय में काम कर रही हैं।

अभियान की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेडिकल कोर समेत सेना के कुछ दल भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।

रविवार शाम को एक छोटी सुरंग से आईटीबीपी के जवानों ने कम से कम 12 लोगों को बचाया था। उनमें से तीन को आईटीबीपी के जोशीमठ स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आईटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि उन लोगों की हालत ठीक है।

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