जीडीपी में MSME का योगदान 50 फीसदी करने का लक्ष्य, 45 दिन के अंदर बकाया भुगतान का निर्देश: नितिन गडकरी

By निखिल वर्मा | Published: May 14, 2020 02:39 PM2020-05-14T14:39:10+5:302020-05-14T14:39:10+5:30

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करके बेरोजगारी और गरीबी कम की जा सकती है.

MSMEs to contribute 50 percent to GDP says Nitin Gadkari | जीडीपी में MSME का योगदान 50 फीसदी करने का लक्ष्य, 45 दिन के अंदर बकाया भुगतान का निर्देश: नितिन गडकरी

नितिन गडकरी (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsकेंद्रीय मंत्री ने कहा, MSME के लिए एक ई-मार्केटप्लेस शुरू कर रहे हैं ताकि उनकी पहुंच वैश्विक होनितिन गडकरी ने बताया कि भारत अब पीपीई किट और सेनिटाइजर भी निर्यात कर सकता है.

कोरोना वायरस महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) को 3 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश की जीडीपी में MSME का योगदान 29% है। इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में निर्यात को 48 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा है कि सभी एजेंसियों को 45 दिनों के भीतर सभी MSME के लंबित बकाया को क्लियर करने का निर्देश दिया गया है और आगे हम 45 दिनों के भीतर भुगतान को अनिवार्य बना देंगे। ये बातें गडकरी ने 'फिर उड़ान-चुनौतियां व अवसर' के तहत हुए लोकमत वेबिनार सीरीज में कही।

MSME के लिए बनेगा ई-मार्केटप्लेस

नितिन गडकरी ने कहा, कोविड-19 से पहले भी एमएसएमई सेक्टर का परिदृश्य बहुत बेहतर नहीं था. इस सेक्टर पर 5-6 लाख करोड़ का बकाया है। इस समय वर्किंग कैपिटल को कम करके छोटे व्यवसायों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। आर्थिक पैकेज 45 लाख  MSME जिन्हें आगे बढ़ने की आवश्यकता है, उनके लिए ऑक्सीजन का काम करेगा। यह पैकेज अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा. जब तक पूंजी निवेश नहीं होगा, तब तक बेरोजगारी और गरीबी कम नहीं होगी।

अधिकांश एमएसएमई कंपनियां पंजीकृत नहीं हैं. कंपनियों को पंजीकृत होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए काम चल रहा है. ज्यादातर बड़ी कंपनियां एमएसएमई को कर्ज नहीं देती हैं। उन्होंने कहा, "MSME के लिए एक ई-मार्केटप्लेस शुरू कर रहे हैं ताकि उनकी पहुंच वैश्विक हो। हम अली बाबा और अमेजन मॉडल की नकल करने का प्रयास करेंगे।"

आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण देते हुए गडकरी ने बताया कि नागपुर में पीपीई के हर दिन 10,000 किट बनाए जाते हैं। अब हम पीपीई किट निर्यात कर सकते हैं। सैनिटाइजर भी निर्यात कर सकते हैं। इस समय राजनीति और विकास को अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "पिछले 20 दिनों में उद्योग संघों के साथ बातचीत कर रहा हूं 50 लाख से अधिक लोग ब्यूटी बिजनेस में काम करते हैं। 1.5 करोड़ लोग होटल इंडस्ट्री में काम करते हैं। हम छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।"

लोकमत एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन व पूर्व सांसद विजय दर्डा के सवाल 'सड़क परियोजनाओं में देरी क्यों हो रही है' पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए, यदि लोकतंत्र के सभी हितधारक एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे तो प्रोजेक्ट्स में देरी नहीं होगी। निर्धारित बजट में ही कार्य पूरा होंगे और सार्वजनिक धन की बचत होगी।

महाराष्ट्र के विकास से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्यों को एक-दूसरे से परस्पर सहयोग की जरूरत है। उद्धव ठाकरे जी को बताया कि 3 परियोजनाएं हैं जो महाराष्ट्र के किसानों को लाभान्वित करेंगी। अगर वह हस्तक्षेप करते हैं तो उन्हें चालू किया जा सकता है। इसके अलावा यहां बहुत बंजर भूमि है, हम इस भूमि का उपयोग बॉयो फ्यूल व बांस की खेती के लिए कर सकते हैं।

गडकरी ने कहा, हम अपने देश की आंतरिक क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, नागरिकों समृद्ध करने के लिए उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, हम ईंधन के आयात पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। एग्रो एमएसएमई और जैव-उत्सर्जन ईंधन के लिए योजना तैयार कर रहे हैं। यह सस्ता, बेहतर और पर्यावरण के लिए अच्छा होगा।

Web Title: MSMEs to contribute 50 percent to GDP says Nitin Gadkari

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