सांसद वीरेंद्र कुमार का निधन, राष्ट्रपति कोविंद का ट्वीट- समाचार सुनकर दुखी हूं, सीएम विजयन बोले-लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष अभियानों के लिए बड़ी क्षति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 29, 2020 16:10 IST2020-05-29T16:10:13+5:302020-05-29T16:10:13+5:30
वीरेंद्र कुमार मार्च 2018 में केरल से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे। उन्हें वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) का समर्थन हासिल था। वे समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के तीन बार अध्यक्ष (चेयरमैन) रह चुके थे और निधन के समय निदेशक बोर्ड के सदस्य थे ।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्यसभा सदस्य एम पी वीरेंद्र कुमार के निधन पर शोक जताया. (file photo)
नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरमः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा सांसद और मलयालम दैनिक ‘मातृभूमि’ के प्रबंध निदेशक एम पी वीरेंद्र कुमार के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वे एक निष्ठावान समाजवादी थे जिन्होंने पत्रकारिता और साहित्य को समृद्ध किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘ पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद एम पी वीरेंद्र कुमार के निधन का समाचार सुनकर दुखी हूं। एक निष्ठावान समाजवादी के रूप में उन्होंने मलयालम भाषा के प्रभावशाली दैनिक ‘मातृभूमि’ का नेतृत्व करते हुए पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र को समृद्ध किया। ’’
गौरतलब है कि मलयाली लेखक-पत्रकार और राज्यसभा सदस्य एमपी वीरेंद्र कुमार का बृहस्पतिवार को कोझीकोड में दिल का दौरा पड़ने से एक निजी अस्पाताल में निधन हो गया है। वह 84 वर्ष के थे। वीरेंद्र कुमार मार्च 2018 में केरल से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे। उन्हें वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) का समर्थन हासिल था। वे समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के तीन बार अध्यक्ष (चेयरमैन) रह चुके थे और निधन के समय निदेशक बोर्ड के सदस्य थे ।
वीरेंद्र कुमार का निधन लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष अभियानों के लिए बड़ी क्षति है: विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्यसभा सदस्य एम पी वीरेंद्र कुमार के निधन पर शोक जताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष अभियानों के लिए एक बड़ी क्षति है। वीरेंद्र कुमार प्रमुख मलयालम दैनिक ‘मातृभूमि’ के प्रबंध निदेशक थे। वह पीटीआई निदेशक मंडल के सदस्य भी थे।
विजयन ने कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता से कभी समझौता नहीं किया और मीडिया उद्योग में उनका बहुमूल्य योगदान है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा, ‘‘अपनी अंतिम सांस तक उन्होंने सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ अथक लड़ाई लड़ी। विकास के विषय पर उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी और वह एक अग्रणी पर्यावरणविद भी थे। मैं उनके संबंधियों और सहकर्मियों के प्रति संवदेना व्यक्त करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वीरेंद्र कुमार को दशकों से निजी तौर पर जानते थे। उन्होंने याद किया कि किस तरह दोनों ने आपातकाल में मिलकर संघर्ष किया था और कुछ समय के लिए राजनीतिक आस्था अलग होने के बाद भी दोनों के संबंध बने रहे।
विजयन ने कहा कि कुमार ने राज्य में कोविड-19 के हालात से निपटने पर विधायकों और सांसदों की हाल ही में हुई संयुक्त बैठक में महत्वपूर्ण विचार रखे थे। जानेमाने लेखक और वक्ता, 84 वर्षीय वीरेंद्र कुमार का बृहस्पतिवार रात को दिल का दौरा पड़ने से कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार वायनाड के कालपेट्टा में आज शाम किया जाएगा।