इंदौरः देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचान बना चुके इंदौर में अब आवारा कुत्तों की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। शहर में डॉग बाइट्स की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे नागरिकों में दहशत का माहौल है। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, इंदौर में प्रतिदिन औसतन 400 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बीते एक साल में डॉग बाइट्स के मामलों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इंदौर में फिलहाल करीब 2.5 लाख आवारा कुत्ते हैं, जिनमें से लगभग 30 हजार की नसबंदी अभी बाकी है।
नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे नसबंदी अभियान के बावजूद समस्या पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की। बैठक में निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
महापौर ने नसबंदी अभियान की प्रगति रिपोर्ट ली और अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान की गति और तेज की जाए। महापौर ने कहा कि यह समस्या केवल इंदौर की नहीं, बल्कि देश के कई शहरों की है। सुप्रीम कोर्ट में इस विषय को लेकर पहले से कई याचिकाएं लंबित हैं। ऐसे में नगर निगम इंदौर भी तथ्यात्मक और मजबूत आधार के साथ रिव्यू पिटिशन दाखिल करेगा।
ताकि राष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इंदौर में सफाई व्यवस्था बेहतर होने के कारण कुत्तों के लिए भोजन के स्रोत कम हो गए हैं। पहले कचरे के ढेर से कुत्ते खाना ढूंढ लेते थे, लेकिन अब कचरा सीधे घरों से उठाया जाता है, जिससे कुत्तों को भोजन नहीं मिल पा रहा है।
भूख और तनाव के कारण कुत्ते अधिक आक्रामक हो गए हैं और इंसानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। नगर निगम ने नसबंदी के साथ-साथ जनजागरूकता अभियान चलाने और संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, पशु प्रेमियों और एनजीओ के सहयोग से कुत्तों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की जा रही है।
इंदौर नगर निगम का यह प्रयास न केवल शहरवासियों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल बनेगा। प्रशासन की सक्रियता और नागरिकों की जागरूकता से ही डॉग बाइट्स की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।