इंदौर सरकारी अस्पताल में चूहों ने 2 नवजात बच्चों के शरीर को कुतरा, लड़की की 'निमोनिया संक्रमण' से मौत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 2, 2025 19:25 IST2025-09-02T19:24:10+5:302025-09-02T19:25:21+5:30
एमवायएच की खिड़कियों पर लोहे की मजबूत जालियां लगवाई जा रही हैं और मरीजों के तीमारदारों से कहा गया है कि वे बाहर से खाने-पीने का सामान लेकर अस्पताल के वॉर्ड में न आएं क्योंकि ये चीजें चूहों को आकर्षित करती हैं।

सांकेतिक फोटो
इंदौरः इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में चूहों ने दो नवजात बच्चों के शरीर को कुतरा, इनमें से एक लड़की की 'निमोनिया संक्रमण' से मौत हो गई है। इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चूहों द्वारा पिछले 48 घंटों के दौरान दो नवजात बच्चों के शरीर को कुतरने की घटनाएं सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार को इसकी जांच का आदेश दिया। एमवायएच के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एमवायएच की गिनती सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में होती है।
एमवायएच के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि गुजरे 48 घंटों के दौरान चूहों ने नवजात बच्चों की सर्जरी से जुड़े विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में एक बच्चे की अंगुलियों पर काटा, जबकि दूसरे बच्चे के सिर और कंधे पर दांत गड़ा दिए। एक बच्चे को खरगोन जिले में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था और उसे इलाज के लिए एमवायएच भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि चूहों द्वारा नवजात बच्चों के शरीर को कुतरने के मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है ताकि पता चल सके कि इसमें किन लोगों की लापरवाही और चूक रही है। यादव ने बताया कि एमवायएच के कर्मचारियों को ताकीद की गई है कि वे अस्पताल में पूरे 24 घंटे निगरानी बनाए रखें ताकि आइंदा ऐसी घटना न हो।
उन्होंने बताया कि एमवायएच की खिड़कियों पर लोहे की मजबूत जालियां लगवाई जा रही हैं और मरीजों के तीमारदारों से कहा गया है कि वे बाहर से खाने-पीने का सामान लेकर अस्पताल के वॉर्ड में न आएं क्योंकि ये चीजें चूहों को आकर्षित करती हैं। इस बीच, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, ‘‘एमवायएच में दो नवजात शिशुओं के शरीर को चूहों द्वारा कुतरने का मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली भयावह घटना है।
इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना ने पूरे प्रदेश के माता-पिताओं के दिल में भय और असुरक्षा की भावना भर दी है। यदि प्रदेश सरकार नवजात बच्चों को अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं रख पा रही, तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद करना ही व्यर्थ है।’’