मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा, ''तथाकथित लापता विधायकों से आपको और मुझे लगातार पत्र प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने अपने किसी भी पत्र में जहां पर भी वे वर्तमान में हैं, अपनी ओर से कोई समस्या व्यक्त नहीं की है।''
पत्र में राज्यपाल लालजी टंडन ने लिखा, ''आपके पत्र दिनांक 17/03/2020 में माननीय सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण उनकी सुरक्षा के संबंध में आपकी चिंता में प्रशंसा करता हूं।
उपरोक्त के संबंध में विगत 8-10 दिनों से आप जिस पीड़ा से गुजर रहे होंगे, उसका भी मुझे अंदाजा हो रहा है। यद्यपि इन दिनों में इस संबंध में सदस्यों की जानकारी प्राप्त करने बाबत आपके द्वारा किए गए प्रसासों का उल्लेख पत्र में नहीं है फिर भी मैं मानता हूं कि आपके द्वारा समुचित प्रयास किए गए होंगे।''
राज्यपाल ने पत्र में आगे लिखा, ''जहां तक माननीय सदस्यों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के संबंध में प्रश्न है, मैं आपके द्वारा 22 में से 6 माननीय सदस्यों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के निष्पक्ष, साहसपूर्ण एवं शीघ्र किए गए निराकरण की भी प्रशंसा करता हूं। आप अध्यक्ष होने के नाते भली-भांति अवगत होंगे कि किसी सदस्य के इस्तीफे को स्वीकार करने की प्रक्रिया अथवा विधान सभा की बैठक आहूत होने के उपरांत बिना सूचना के अनुपस्थित होने पर किस विधिक प्रक्रिया का पालन कर क्या कार्यवाही की जानी चाहिए हालांकि विधायकों के त्यागपत्र के आवेदन के निराकरण में आपको हो रहे असमंजस का भी मुझे आभाष है।
आपके पत्र के दूसरे पैराग्राफ में मुझसे कुछ प्रश्नों के उत्तर की अपेक्षा की गई है। उक्त अपेक्षा निश्चित ही किसी नियमावली के अंतर्गत होगी और आपने उसका अवलोकन किया होगा। कृपया संबंधित नियमावली मुझे प्रेषित करने का कष्ट करें। तथाकथित लापता विधायकों से आपको और मुझे लगातार पत्र प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने अपने किसी भी पत्र में जहां पर भी वे वर्तमान में हैं, अपनी ओर से कोई समस्या व्यक्त नहीं की है। उनके पत्र एवं वीडियो लगातार समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया में आ रहे हैं और अब वे सर्वोच्च न्यायालय भी पहुंच गए हैं।
आपने अपने पत्र के अंतिम पैराग्राफ में विधायकों की सुरक्षा की मांग की है। प्रदेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व कार्यपालिका का है और आप उससे ही सुरक्षा चाहते होंगे किन्तु त्रुटिवश यह पत्र मुझे प्रेषित हुआ प्रतीत होता है।
मुझे अत्यंत हर्ष होगा कि मैं किसी भी रूप में आपकी वर्तमान चिंता और कष्ट का समाधार कर सकूं।''