मप्र: जिला प्रशासन ने बैंक की शाखा सील की, कर्मचारियों ने अधिकारियों पर लगाए अभद्रता के आरोप
By भाषा | Published: February 23, 2021 10:46 PM2021-02-23T22:46:27+5:302021-02-23T22:46:27+5:30
शाजापुर (मप्र) 23 फरवरी शाजापुर में जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत कथित तौर पर लाभार्थियों को दस हजार रुपये का ऋण नहीं देने के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शाखा को सील कर दिया है।
घटना के विरोध में शाजापुर शहर सहित जिले में एसबीआई की शाखाओं और अन्य बैंकों की कुछ शाखाओं में मंगलवार को कामकाज नहीं हुआ।
एसबीआई ऑफिसर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ शाजापुर में एसबीआई और अन्य बैंक कर्मचारियों ने प्रशासन के अधिकारियों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए मंगलवार को ज़िलाधीश को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिलाधीश ने मामले में सक्षम अधिकारी से एक सप्ताह के अंदर जांच कराने के निर्देश दिये हैं।
एसबीआई की मगरिया शाखा के प्रबंधक रजनीश चोपड़ा सहित बैंक कर्मचारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय प्रबंधक को एक पत्र भेजा है।
चोपड़ा ने मंगलवार शाम को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ घटना के विरोध में हम एसबीआई के कर्मचारी यूनियन के भोपाल से आये पदाधिकारियों के साथ आज सुबह जिलाधीश कार्यालय में जमा हुए और जिलाधीश को ज्ञापन सौंप कर नगर पालिका के सीएमओ को निलंबित करने तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।’’
इसबीच, चोपड़ा ने बताया कि प्रशासन ने मंगलवार शाम को बैंक की सील खोल दी है।
एसबीआई आफिसर्स एसोसिएशन (मप्र एवं छग) के अध्यक्ष मदन जैन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि घटना के विरोध में शाजापुर शहर सहित जिले की एसबीआई और अन्य बैंकों की कुछ शाखाओं के कर्मचारियों के जिलाधीश कार्यलय में जमा होने से मंगलवार को शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘ जिलाधीश ने हमें घटना की जांच एक सप्ताह में कराने का भरोसा दिया है। इस मामले को हम बैंक अधिकारियों के अखिल भारतीय संगठन और एसबीआई के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए हैं। अब इस मामले में उच्च स्तर पर सलाह कर आगे की कार्रवाई एक सप्ताह बाद की जायेगी।’’
बैंक कर्मचारियों ने क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखे पत्र में पुलिस पर शाखा प्रबंधक सहित सभी कर्मचारियों को ज़बरदस्ती खींचकर बाहर निकालने का आरोप लगाया है।
शाजापुर जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा सोमवार (22 फरवरी) को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि शासन की महत्वाकांक्षी ‘स्ट्रीट वेंडर योजना’ के तहत बैंक में शिविर लगाने के उपरांत भी हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध नहीं कराने, अपने निर्धारित स्थल पर बैंक संचालित नहीं करने तथा आवासीय परिसर में बैंक की व्यवसायिक शाखा संचालित करने के कारण जिला प्रशासन द्वारा एसबीआई की मगरिया शाखा को सोमवार दोपहर बाद सील कर दिया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि शाखा सील करने की कार्रवाई के दौरान अपर कलेक्टर मंजूषा विक्रांत राय, डिप्टी कलेक्टर जूही गुप्ता, प्रभारी तहसीलदार डॉ मुन्ना अड़ सहित राजस्व एवं पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
दूसरी ओर बैंक कर्मचारियों ने पत्र में आरोप लगाया है कि, ‘‘पीएम स्वनिधि के तहत ऋण वितरण नहीं किये जाने के संबंध में नगर निगम सीएमओ और तहसीलदार ने आज हमारी मगरिया शाखा में अभद्र व्यवहार किया। पुलिस बुलाकर शाखा के बाहर हंगामा किया गया, कर्मचारियों को बाहर बुलाकर अभद्रता की गई।’’
पत्र के मुताबिक, कर्मचारियों ने 59 लोगों को ऋण देने का विवरण दिया इसके बावजूद बैंक शाखा से ग्राहकों को बाहर निकाल दिया गया।
अपर कलेक्टर मंजूषा राय ने कहा कि कोविड-19 महामारी से राहत देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जरूरतमंदो के लिये शुरू की गयी ऋण योजना में मानवीय संवदेना से दूर रहकर बैंक कर्मचारियों द्वारा लापरवाही की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि बैंक शाखा को नियमानुसार सील किया गया है। राय ने बैंक कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने के आरोपों से भी इंकार किया।
बैंक कर्मचारियों की शिकायत के मुताबिक, प्रशासन को ऋण प्रकरणों की जानकारी दिन में उपलब्ध कराई गई थी जिस पर उन्होंने संतुष्टि जताई थी। शिकायत के मुताबिक, पुलिस व प्रशासन के लोग बाद में फिर आए और बैंक प्रबंधक सहित सभी कर्मचारियों को खींचकर शाखा से बाहर निकाला एवं उन्हें कलेक्टर कार्यालय ले जाया गया।
मालूम हो कि इसी प्रकार की एक घटना मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में एक फरवरी को हुई थी। जिले के बेगमगंज में नगरपालिका कर्मियों द्वारा कथित तौर पर फुटपाथ और रेहड़ी वाले दुकानदारों को सरकारी योजना के तहत ऋण नहीं देने पर चार बैंक की शाखाओं के बाहर कचरा डाल दिया था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।