लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में सिरफुटव्वल शुरू, प्रदेश प्रभारी के बयान से नाराज हुए नेता

By राजेंद्र पाराशर | Updated: January 20, 2019 23:45 IST2019-01-20T23:44:36+5:302019-01-20T23:45:26+5:30

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया पर राहुल गांधी ने फिर से विश्वास जताया है और बावरिया लगातार बैठकें कर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. 

MP Congress is fighting for Lok Sabha tickets from now, big setback for Rahul Gandhi and Kamalnath | लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में सिरफुटव्वल शुरू, प्रदेश प्रभारी के बयान से नाराज हुए नेता

लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में सिरफुटव्वल शुरू, प्रदेश प्रभारी के बयान से नाराज हुए नेता

मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हुई कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव की भांति फिर विवादों में फंस सकती है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के इस बयान ‘हारे प्रत्याशियों को टिकट नहीं’ के बाद कांग्रेस में दावेदार अभी से उनका विरोध करते नजर आ रहे हैं. बावरिया को विधानसभा चुनाव के दौरान भी कई स्थानों पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा था.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सक्रियता बढ़ा दी है. एक ओर जहां हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम के सदस्य सक्रिय हो गए हैं और वे हर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी चयन को लेकर फीडबेक ले रहे हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया पर राहुल गांधी ने फिर से विश्वास जताया है और बावरिया लगातार बैठकें कर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. 

दीपक बावरिया के बयान का विरोध 

बावरिया अलग-अलग जिलों में पहुंचकर पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा कर प्रत्याशी को लेकर जानकारी हासिल कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने एक बयान यह दे डाला कि लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा ‘हारे प्रत्याशिों को टिकट नहीं दिया जाएगा’. बावरिया के इस बयान से विधानसभा चुनाव हारे करीब आधा दर्जन प्रत्याशी जो लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए सक्रिय थे, उन्हें निराशा हुई साथ ही उनके समर्थकों ने बावरिया के प्रति नाराजगी भी दिखाई देने लगी है. हालांकि बावरिया ने यह भी साफ कर दिया कि प्रत्याशी कौन होगा इसका फैसला सर्वे के आधार पर दिल्ली में हाईकमान ही करेगा.

यहां उल्लेखनीय है कि बावरिया ने विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रत्याशी चयन प्रक्रिया को लेकर जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की थी, तब भी वे विवादों में उलझे और कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी उन्हें झेलनी पड़ी थी. वहीं उनके द्वारा दिए बयानों ने कांग्रेस के लिए मुसीबत भी खड़ी कर दी थी.

हारे प्रत्याशी जो लगा रहे टिकट के लिए जोर

विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद करीब आधा दर्जन ऐसे नेता हैं, जो लोकसभा चुनाव के लिए टिकट पाने हेतु प्रयासरत हैं. इन नेताओं में सबसे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह जो की चुरहट से चुनाव हार गए हैं, वे सीधी या फिर सतना से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं. वैसे वे सीधी चाहते हैं कि सीधी से उन्हें टिकट मिल जाए.

पिछला लोकसभा चुनाव भी अजय सिंह ने सतना से लड़ा था, मगर वहां से वे हार गए थे. इस बार सतना से विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह दावेदारी कर रह हैं. वहीं विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशी सुंदरलाल तिवारी रीवा और सीधी लोकसभा सीट से टिकट चाहते हैं. इनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप से रामनिवास रावत मुरैना से सशक्त दावेदार हैं.

इसी तरह बुधनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़े और हारे, अरुण यादव भी खण्डवा से दावेदार है. इनके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व मंत्री मुकेश नायक भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में बावरिया का क्राइट एरिया चला तो इन नेताओं को मायूसी हाथ लगेगी. वैसे जब से बावरिया ने यह बयान दिया उसके बाद से इन नेताओं के समर्थकों में बावरिया के प्रति नाराजगी भी दिखाई दे रही है.

 

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