नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के पटल पर पीओके को लेकर देश पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर हमला बोला। वहीं संसद के बाहर शाह के बयान पर मीडिया में प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा, "...उस समय, पुंछ और राजौरी को बचाने के लिए सेना को हटाया गया था। अगर ऐसा नहीं किया गया होता, तो पुंछ और राजौरी भी पाकिस्तान में चला जाता।" वहीं नेहरू द्वारा कश्मीर मुद्दे को यूएन में ले जाने के विषय पर अब्दुल्ला ने कहा, "उस समय और कोई रास्ता नहीं था, लॉर्ड माउंटबेटन और सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी सुझाव दिया था कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका में जाना चाहिए।"
आपको बता दें कि इससे पहले अमित शाह ने कहा, "दो बड़ी गलतियां (पूर्व पीएम) पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना। सीजफायर लगाया गया, अगर तीन दिन बाद सीजफायर होता तो पीओके आज भारत का हिस्सा होता...दूसरा है अपने आंतरिक मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना।''