अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा अल्पावधि की कराने की वकालत की, छात्रों को टीका लगाने पर जोर

By भाषा | Updated: May 25, 2021 22:47 IST2021-05-25T22:47:42+5:302021-05-25T22:47:42+5:30

Most states advocated for short term 12th board exam, emphasis on vaccinating students | अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा अल्पावधि की कराने की वकालत की, छात्रों को टीका लगाने पर जोर

अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा अल्पावधि की कराने की वकालत की, छात्रों को टीका लगाने पर जोर

नयी दिल्ली, 25 मई अधिकतर राज्यों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रमुख विषयों के लिए कम अवधि की परीक्षा कराने के विकल्प को चुना है वहीं कुछ राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण पर भी जोर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आये दो प्रस्तावों पर मंगलवार तक विस्तृत सुझाव देने को कहा था।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं। इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं।

इस बीच ट्विटर पर हैशटैग ‘बोर्ड परीक्षाएं रद्द करो’ ट्रेंड करता रहा। 300 से अधिक छात्रों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण को पत्र लिखकर प्रत्यक्ष परीक्षाएं कराने के प्रस्ताव को रद्द करने की गुहार लगाई है तथा पिछले वर्ष की तरह ही वैकल्पिक मूल्यांकन योजना को अमल में लाने का अनुरोध किया है।

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें काफी राज्यों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं। राज्यों के बीच यह व्यापक आम-सहमति है कि परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। जैसा कि पहले मंत्री महोदय ने कहा था कि मिलकर लिये गये फैसले की घोषणा एक जून तक की जाएगी।’’

दिल्ली सरकार ने ‘छात्रों को या तो टीका लगवाने अन्यथा परीक्षाएं निरस्त करने का’ अपना रुख दोहराया है। उसने कहा है कि अगर टीकाकरण कराके परीक्षाएं कराई जाती हैं तो दिल्ली सरकार दूसरे विकल्प के पक्ष में है जिसमें बच्चों के स्कूल में ही कम अवधि की परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव है।

महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने रविवार की बैठक के बाद कहा था कि राज्य अब भी बिना परीक्षा कराए मूल्यांकन करने के विचार के पक्ष में है।

पंजाब सरकार ने भी दूसरा विकल्प चुना है। हालांकि उसने दोहराया कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को कोविड टीका लगवाया जाना चाहिए।

पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लेने से पहले 12वीं कक्षा के छात्रों को टीका लगवाया जाए।

हिमाचल प्रदेश, केरल, बिहार और कर्नाटक ने भी दूसरे विकल्प की वकालत की है। केरल ने भी बैठक में टीकाकरण का विषय उठाया था।

छात्रों और अभिभावकों का बड़ा वर्ग परीक्षाएं निरस्त करने की मांग कर रहा है।

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Web Title: Most states advocated for short term 12th board exam, emphasis on vaccinating students

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