दावा: कोरोना वायरस से भोपाल में मरने वालों में अधिकतर गैस पीड़ित

By भाषा | Published: May 6, 2020 03:11 PM2020-05-06T15:11:38+5:302020-05-06T15:11:38+5:30

मध्य प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 3,049 तक पहुंच गया. राज्य में अब कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 176 हो गई है. राज्य में इंदौर के बाद भोपाल सबसे ज्यादा प्रभावित है.

most gas tragedy victims died in bhopal due to corona virus | दावा: कोरोना वायरस से भोपाल में मरने वालों में अधिकतर गैस पीड़ित

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsभोपाल में कोरोना वायरस की वजह से 17 लोगों की मौत हुई है, एक संगठन का दावा है कि इनमें 15 भोपाल गैस पीड़ित थे राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अभी इन मौतों को गैस पीड़ितों के रुप में वर्गीकृत नहीं किया है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोविड-19 ने सबसे अधिक भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को प्रभावित किया है। एक संगठन ने दावा किया है कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले कुल 17 लोगों में से 15 भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे। दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में गिने जाने वाली यह घटना यहां दो-तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को घटी थी। इसमें यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसी जहरीली गैस से हजारों लोग मारे गये थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे।

भोपाल गैस पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन (बीजीआईए)’ ने दावा किया कि प्रदेश की राजधानी में कोरोना वायरस से हुई कुल 17 मौतों में से 15 लोग गैस पीड़ित थे। हालांकि राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अभी इन मौतों को गैस पीड़ितों के रुप में वर्गीकृत नहीं किया है।

बीजीआईए की रचना ढींगरा ने बताया, ‘‘हमने भोपाल में कोरोना वायरस से मारे गये 17 लोगों के आंकड़ों को संकलित किया है। इसमें हमने पाया कि मरने वालों में से 15 लोग गैस पीड़ित थे।’’ उन्होंने इन 15 गैस पीड़ितों की सूची भी जारी की और इसके साथ ही गैस त्रासदी के कारण इनके स्वास्थ्य के स्तर की जानकारी भी साझा की। गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड से रिसी मिक (मिथाइल आइसो साइनाइड) गैस ने लोगों की श्वसन प्रणाली और फेफड़ों पर हमला किया था और कोविड-19 भी इन्ही अंगों को तेजी से प्रभावित करता है।

उन्होंने दावा किया कि गैस पीड़ित क्योंकि पहले से ही प्रभावित हैं, इसलिए वे कोरोना वायरस के लिए अधिक असुरक्षित हैं। इस नाते उन्हें अतिरिक्त देखभाल और ध्यान देने की जरुरत है। इस बीच, सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संवेदनशील लोगों की पहले स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है ताकि उन्हें कोरोना के लिए बनाये गये उपचार केन्द्र में तुरंत अलग किया जा सके। भोपाल गैस राहत विभाग के नव नियुक्त निदेशक वेदप्रकाश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम नहीं कह सकते हैं कि कोरोना से भोपाल में मरने वाले 17 लोगों में से कितने लोग गैस पीड़ित हैं। लेकिन हमने उन व्यक्तियों की जांच शुरु करने का फैसला किया है जो अधिक संवेदनशील हैं और जिनमें कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण दिख रहे हैं ताकि इन लोगों को जल्दी अलग किया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को रसूल अहमद पल्मोनरी मेडिसिन सेंटर में अलग रखा जाएगा और जांच में जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जायेगा उसे कोविड-19 के उपचार के लिए निर्धारित विशेष अस्पताल में स्थानांतरित किया जायेगा। बीजीआईए ने कोविड-19 से मरने वाले 15 गैस पीड़ितों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इनमें से 10 लोग 60 साल या उससे अधिक उम्र के, तीन लोग लगभग 50 साल और दो लोग 45 साल की आयु के हैं। मरने वालों में सबसे कम उम्र का व्यक्ति 39 वर्ष का व्यक्ति है। जबकि 42 वर्षीय एक व्यक्ति कैंसर पीड़ित भी था। 

Web Title: most gas tragedy victims died in bhopal due to corona virus

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