कोरोना प्रभावित राज्यों में नौ लाख से ज्यादा लोग निगरानी में, दोगुना होने की रफ्तार भी हुई कम

By एसके गुप्ता | Updated: April 24, 2020 20:16 IST2020-04-24T20:16:50+5:302020-04-24T20:16:50+5:30

देश में शुक्रवार तक 23077 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। 4814 कोरोना रोगी ठीक होकर घर जा चुके हैं और 723 लोगों की मौत हो चुकी है।

More than nine lakh people under surveillance in Corona affected states, doubling speed also reduced | कोरोना प्रभावित राज्यों में नौ लाख से ज्यादा लोग निगरानी में, दोगुना होने की रफ्तार भी हुई कम

कोरोना प्रभावित राज्यों में नौ लाख से ज्यादा लोग निगरानी में, दोगुना होने की रफ्तार भी हुई कम

Highlightsइन लोगों की निगरानी में करीब 80 से 90 हजार कर्मचारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के लोग लगे हुए हैं। पहले जहां इसके दोगुने होने की रफ्तार 3 से 5 दिन थी वह बढकर अब दस दिन पहुंच गई है।

लॉकडाउन का एक महीना बीतने के साथ ही देश में कोरोना को लेकर सरकार ने दो अच्छी खबर दी हैं। पहली यह कि कोरोना संक्रमण के फैलावे में कमी आ रही है। पहले जहां इसके दोगुने होने की रफ्तार 3 से 5 दिन थी वह बढकर अब दस दिन पहुंच गई है। दूसरी अच्छी खबर कोरोना निगरानी एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गठित इम्पावर ग्रुप-एक के चेयरमैन एवं नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) डा. वीके पॉल ने बताई है। 

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अब कोरोना संक्रमण के ज्यादा गंभीर रोगी नहीं आ रहे हैं। इसलिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है। लेकिन लोगों को सतर्क रहते हुए सावधानी बरतने की अभी भी जरूरत है। पूरे देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए 945915 लोगों की निगरानी की जा रही है।

देश में शुक्रवार तक 23077 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। 4814 कोरोना रोगी ठीक होकर घर जा चुके हैं और 723 लोगों की मौत हो चुकी है। डा. पॉल ने कहा कि अगर देश में लॉकडाउन ने होता तो कोरोना रोगियों की संख्या 73 हजार से एक लाख के बीच पहुंच सकती थी।

दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एनसीडीसी के निदेशक डा. सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि देश में चार सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावित लोगों की स्थिति जानी गई है। जिला अस्पतालों में भर्ती रोगियों, इन रोगियों के संपर्क में आए लोग, उनके आइसोलेशन की स्थिति और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकडों के आधार पर देश में 945915 लोगों की निगरानी की जा रही है। 

इन लोगों की निगरानी में करीब 80 से 90 हजार कर्मचारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के लोग लगे हुए हैं। एनसीडीसी डैशबोर्ड के माध्यम से देश के सभी राज्यों के जिलों से लगातार संपर्क बना हुआ है। जिला अस्पतालों से कोरोना जांच के लिए मांगी जाने वाली किट और पीपीई की सप्लाई भी इसी के आधार पर हो रही है। 

उन्होंने कहा कि समय से लॉकडाउन और बडी संख्या में लोगों की निगरानी के कारण भारत कोरोना महामारी को नियंत्रित कर पाने में सफल हो पा रहा है। कोरोना के मामले दोगुने होने में दिनों का बढ़ना यह सूचित करता है कि हम इसके संक्रमण की चेन को तोडने में सफल हो पा रहे हैं।  

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केंद्र की ओर से चार आईएमसीटी टीम सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई और हैदराबाद भेजी गई हैं। यह टीमें कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अपनी रपट और सुझाव सरकार को भेजेंगी।

मुंबई-महाराष्ट्र के लिए स्पेशल प्लान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केंद्र की ओर से महाराष्ट्र को लेकर स्पेशल प्लान बनाया गया है। महाराष्ट्र गई आईएमसीटी टीम ने धारावी मुंबई पर अपनी रपट केंद्र को भेजी है। इसमें कहा गया है कि धारावी में सामुदायिक शौचालय के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। जिससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। केंद्र की ओर से अन्य राज्यों में भेजी गई आईएमसीटी टीम की ओर से भी यही सुझाव आए हैं कि सामुदायिक किचन छोटी होने के कारण भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि पोर्टेबल शौचालय लगाए जाएं। स्कूल, कॉलेज और स्टेडियम्स में नए क्वारनटाइन सेंटर बनाए जाएं। नई बडी सामुदायिक किचन बनाई जाए।  नए अस्पताल और हेल्थ सेंटर शुरू किए जाएं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का सख्ती से पालन कर संक्रमण को बढने से रोका जा सकता है और कोविड-19 चेन को तोडने में सफलता हासिल की जा सकती है। इन सुझावों पर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम शुरू हो चुका है।

Web Title: More than nine lakh people under surveillance in Corona affected states, doubling speed also reduced

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