मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने जांच के लिए गठित की उच्चाधिकार प्राप्त समिति, अबतक 132 की मौत

By अनिल शर्मा | Updated: October 31, 2022 09:02 IST2022-10-31T08:44:43+5:302022-10-31T09:02:45+5:30

घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्षभाई सांघवी, मंत्री बृजेशभाई मेराजा और राज्य मंत्री श्री अरविंदभाई रैयानी आधी रात को घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान का जायजा लिया और निर्देश दिए।

Morbi Bridge Incident High Powered Committee constituted by Gujarat Government to investigate 132 dead so far | मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने जांच के लिए गठित की उच्चाधिकार प्राप्त समिति, अबतक 132 की मौत

मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने जांच के लिए गठित की उच्चाधिकार प्राप्त समिति, अबतक 132 की मौत

Highlights‘पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था। इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था।मरम्मद के बाद 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर फिर से खोल दिया गया था।

मोरबी: गुजरात सरकार ने केबल पुल हादसे की जांच के लिए सोमवार एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन की घोषणा की। रविवार गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बना केबल पुल टूट गया जिसमें 132 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने यहां मीडियाकर्मियों को बताया, "मोरबी हैंगिंग ब्रिज गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या 132 हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद से निकलते समय रविवार ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया। सभी अधिकारी, विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। जिन्हें मोरबी में 2 बजे तक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। जांच जारी है।" गुजरात के गृह मंत्री ने आगे बताया कि घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

संघवी ने कहा, "रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज जांच शुरू हो गई है।" रात भर सब काम करते रहे। नौसेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल), वायु सेना और सेना तुरंत मौके पर पहुंच गई। 200 से अधिक लोगों ने पूरी रात खोज और बचाव अभियान में लगे रहे।

अधिकारियों ने बताया कि पुल गिरने के बाद माचू नदी में गिरने वाले पीड़ितों को खोजने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड सहित टीमों ने रात भर तलाशी अभियान चलाया। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मोरबी में गोताखोरों, उपकरणों, नौकाओं और अन्य सामग्रियों से युक्त भारतीय तटरक्षक की तीन टीमों को कल रात से ही मौके पर तैनात कर दिया गया है।

घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्षभाई सांघवी, मंत्री बृजेशभाई मेराजा और राज्य मंत्री श्री अरविंदभाई रैयानी आधी रात को घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान का जायजा लिया और निर्देश दिए।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार हादसे के बाद तत्काल व्यवस्था को सक्रिय किया गया और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया। इसके अलावा अन्य जगहों से भी टीमें मौके पर पहुंची। विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों, राजकोट पीडीयू अस्पताल और सुरेंद्रनगर सिविल अस्पताल के लगभग 40 डॉक्टरों ने मोरबी सिविल अस्पताल में घायलों का आपातकालीन उपचार शुरू किया। हादसे में जान गंवाने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

पीटीआई के अनुसार मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने कहा, ‘पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था। इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर मरम्मत के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था।’

Web Title: Morbi Bridge Incident High Powered Committee constituted by Gujarat Government to investigate 132 dead so far

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