मोरबी पुल हादसे से गुजरात सरकार ने लिया सबक, पुल के रख-रखाव पर जल्द लाएगी एक समान नीति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 20, 2023 09:11 PM2023-02-20T21:11:18+5:302023-02-20T21:11:18+5:30

आरएंडबी विभाग के 1990 के परिपत्र के अनुसार, जिला स्तर के इंजीनियर को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुल का हर साल दो बार निरीक्षण करेंगे।

Morbi bridge case: Gujarat government will soon bring a uniform policy on bridge maintenance | मोरबी पुल हादसे से गुजरात सरकार ने लिया सबक, पुल के रख-रखाव पर जल्द लाएगी एक समान नीति

मोरबी पुल हादसे से गुजरात सरकार ने लिया सबक, पुल के रख-रखाव पर जल्द लाएगी एक समान नीति

Highlightsजिला स्तर के इंजीनियर को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुल का हर साल दो बार निरीक्षण करेंगेपर्यवेक्षण रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले और संरचना को ठीक बताने वाले किसी भी हादसे के लिए जिम्मेदार होंगे

अहमदाबाद:गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय को बताया कि वह नगर पालिकाओं और नगर निगमों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलों के रखरखाव के लिए एक समान नीति लाएगी। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने पिछले साल अक्टूबर में मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के एक पुल के टूटने की घटना के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत को इससे अवगत कराया। प्रधान न्यायाधीश सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की पीठ मंगलवार को भी याचिका पर सुनवाई करेगी। 

मोरबी में पुल टूटने की घटना में 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान, त्रिवेदी ने पीठ को सूचित किया कि 1990 में जारी एक परिपत्र के रूप में राज्य सड़क और भवन विभाग (आर एंड बी) द्वारा प्रबंधित पुलों के रखरखाव और निरीक्षण के लिए एक नीति मौजूद है।

हालांकि, नगर पालिकाओं और नगर निगमों के मामलों से संबंधित शहरी विकास विभाग (यूडीडी) ने ऐसी कोई नीति नहीं तैयार की। त्रिवेदी ने अदालत से कहा कि सड़क और भवन विभाग का 1990 का परिपत्र यूडीडी के तहत आने वाले पुलों पर लागू नहीं होता है, जिसमें मोरबी में गिर गया पुल भी शामिल है। 

आरएंडबी विभाग के 1990 के परिपत्र के अनुसार, जिला स्तर के इंजीनियर को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुल का हर साल दो बार निरीक्षण करेंगे। परिपत्र के अनुसार पर्यवेक्षण रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले और संरचना को ठीक बताने वाले किसी भी हादसे के लिए जिम्मेदार होंगे। 

यूडीडी के तहत आने वाले पुलों के मामले में जिम्मेदारी तय करने के बारे में मुख्य न्यायाधीश गोकानी के पूछने पर त्रिवेदी ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में एक सप्ताह में नीति लेकर आ रही है। उन्होंने अदालत को सूचित किया, ‘‘नीति प्रक्रियाधीन है और हम इसे यहां रिकॉर्ड में रखेंगे। यूडीडी द्वारा इसे तैयार किया जा रहा है। हम नगर निगमों और नगर पालिकाओं के लिए समग्र नीति लेकर आएंगे।’’

(कॉपी भाषा एजेंसी)

Web Title: Morbi bridge case: Gujarat government will soon bring a uniform policy on bridge maintenance

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